गजब ! 1 करोड़ में बिक रही है ये छिपकली, जल्दी से खोजिए कही आपके घर में तो नहीं है..

डेस्क : आज हम आपको बिहार में पाई जाने वाली छिपकिली की एक प्रजाति के बारे में बता रहे हैं। जिसकी कीमत करोड़ो में है। ऐसे में अब आप हैरान हो गए होंगे कि इतनी महंगी छिपकिली सिर्फ बिहार मिलती है। तो हां यह छिपकिली विलुप्त होने के कगार पर है। यह अब केवल बिहार और राज्य के सीमा से सटे नेपाल में पाई जाती है। इसकी तस्करी विदेशों में की जाती है।

इस खास प्रजाति के छिपकली का नाम ‘टोके गेको’ है। दुनियांभर में गेको की संख्या अब काफी कम बची हैं। इस कारण इन्हें ‘वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972’ की अनुसूची के तहत सूचीबद्ध किया गया है। ऐसे में तस्कर चोरी छिपे इस छिपकली को विदेशों में बेच कर करोड़ो कमाते हैं। इस छिपकली की तस्करी काफी तेजी से हो रही है। कस खास प्रजाति के छिपकली की कीमत 1 करोड़ से अधिक मिलते हैं।

बतादें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस छिपकली की बहुत मांग है। छिपकली की कीमत उसकी आकार को देख कर तय की जाती है। यदि छिपकली की साइज बड़ी के तो मुह मंगा रकम भी मिल सकता है। दरअसल इस छिपकली का उपयोग विभिन्न प्रकार के दवाई बनाने के लिए किया जाता है। इसके मांस का उपयोग नपुंसकता, मधुमेह, एड्स और कैंसर की पारंपरिक दवाएं बनाने में किया जाता है। इसके अलावा यह गुर्दे और फेफड़ों को मजबूत करता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह छिपकली कितना उपयोगी है। वहीं इसके तस्करी पर रोक लगा कर इसे बचाए रखना बहुत जरूरी है।