ISRO की इस महिला वैज्ञानिक का बनाया रिकॉर्ड कर देगा आपको हैरान

56 की उम्र में झेल सकती है -90 डिग्री की ठंड यह औरत है या हिम् मानव

मंगला मणि इसरो में कार्यरत हैं और हाल ही में अंटार्टिका से रिकॉर्ड बनाकर वापस आयी है, जी हां जहां किसी भी इंसान का नाम और निशान नही है वहां पर यह औरत जिसका नाम मंगला मणि है वह 403 दिन गुज़ार कर आयी है।वहां का तापमान शून्य के नीचे -90 डिग्री तक होता है जहां मंगला ने पूरा करा है एक साल । ऐसा करने वाली यह पहली भारतीय महिला है। यह 56 साल की इसरो में बतौर वैज्ञानिक काम कर रही है , इनकी पूरी ज़िंदगी मे कभी ऐसा पल भी होगा इसका उन्हें अंदाज़ न था। पर अब तो ये बना चुकी है विश्व स्तरीय रिकॉर्ड ओर गर्व की बात तो यह है कि यह भारत से है।

इस जगह पर रहने के लिए एक स्टेशन का निर्माण हुआ क्योंकि वह बताती है कि उस तापमान में हमारा शरीर बहुत जल्दी ठंडा पड़ सकता है तो ऐसे में अलग तरह के कपड़े का इस्तेमाल वह करती थी जिन को कहते है पोलर क्लोथ्स ओर कहती है कि वह स्टेशन से बाहर केवल 3 घंटे ज़्यादा से ज़्यादा रुकी होंगी बाकी समय उनको स्टेशन के अंदर ही बिताना होता है।

आपको बता दे कि मंगला मणि 23 ओर लोगो के साथ इस मिशन पर थी और बाकी के लोग सब मर्द थे और मंगला ने बताया कि कभी उन्हें असहज महसूस नही हुआ दरअसल ये लोग वहां डेटा जमा करने के लिए गए थे जिसका संपर्क सॅटॅलाइट के ज़रिए होता है। इनकी हिम्मत की दात इसलिए दी जा रही है क्योंकि वहां पर ओर भी लोग थे जो बाहर देशों से आये थे जिनमें कोई महिला नही थी। यह अभियान नवंबर 2016 से दिसंबर 2017 तक चला था। परंतु इसके परिणाम अभी आने बाकी है आपको बता दे कि यह सूचना गुप्त रखी जाती है जिसके कारण यह खबर काफी देर में आई।

करनी होती है पूरी तैयारी जैसे कि किसी परीक्षा में जा रहे हो। सबसे पहले करा जाता है मेडिकल टेस्ट की फिजिकल फिट हैं कि नही। फिर होता है मेन्टल चेक अप जिसमे दिमाग की स्थिति जांची जाती है । इसके बात बारी आती है इन लोगो को किसी सबसे ज़्यादा ठंडी जगह पे भेजने की ओर इनके पैरामीटर नापे जाते है, यह कार्य डॉक्टरों द्वारा किया जाता है, और यह 15-30 दिन की प्रक्रिया होती है।

इस टीम को इन सब परीक्षाओं के बाद जाना पड़ता है बद्रीनाथ जहां पे काफी ऊंचे पहाड़ हैं और वहां पे होती है वजन के साथ चढ़ाई की प्रैक्टिस। इस खतरनाक ट्रेनिंग को इसलिए कराया जाता है कि वह ज़्यादा कठोरता के साथ जिये ओर उसमें ठंड को ज़्यादा लंबे समय तक सहने की क्षमता आये। इस ट्रेनिंग को इन लोगो के मनोबल को बढ़ाने के लिए करवाया जाता है। वह यह बिल्कुल भी नही मानती की अकेले वही एक ऐसी औरत है जिन्होंने यह करा बल्कि बाकी औरत भी यह कर सकती है बस हौसले बुलंद होने चाहिए इच्छाशक्ति की कमी नही होनी चाहिए और सदा मौके तलाशते रहने चाहिए। क्योंकि अगर आप लगे रहेंगे तो एक दिन आपकी जीत निश्चित ही होगी।