Desk : लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के यमुनापुरम कॉलोनी में शनिवार की रात को एक सैन्य अफसर के बेटे ने मां की गोली मारकर हत्या कर दी। बेटा और बेटी ने दो दिन तक घटना को छुपाकर रखा। शव से दुर्गंध आने पर सोमवार की रात बेटे ने ही सारी बात पिता को बताई। पिता की सूचना पर पुलिस आई और शव को बरामद किया। बच्चों से पूछताछ हुई तब जाकर पता चला कि पब्जी खेलने से रोकने पर बेटे ने अपनी मां की हत्या कर दी।
पंचम खेड़ा यमुनापुरम के रहने वाले नवीन सिंह सेना में जेसीओ के पद पर पश्चिम बंगाल के आसनसोल में कार्यरत हैं। उनकी पत्नी साधना सिंह (35) अपने 16 वर्षीय बेटे और 10 वर्षीय बेटी के साथ लखनऊ में रहती थी। एसीपी कैंट के अनुसार मंगलवार रात 9:00 बजे नवीन सिंह ने पत्नी की हत्या और बच्चों को बंधक बनाए जाने की जानकारी दी। बेटा और बेटी से पूछे जाने पर बेटे ने हत्या की बात कबूली।सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि 3 दिनों तक मां की लाश घर में पड़ी रही और बेटा पार्टी करता रहा। उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं था और ना ही कोई ख्वाब। फोन करके दोस्तों को घर बुलाया, ऑनलाइन खाना बनवाया और पब्जी खेला। इस बात का खुलासा पुलिस की पूछताछ के दौरान हुआ।
एसीपी कासिम अब्बास ने कहा कि घटना को सूचना पाकर जब पुलिस पहुंची तब बच्चों ने बताया कि इलेक्ट्रीशियन आकाश छत के रास्ते घर आया था। इलेक्ट्रीशियन 2 दिन बिजली ठीक करने आया था और इसलिए उसका नाम उन्हें पता था। रविवार को उसने गोली मारकर कमरे में बंद कर दिया। किसी तरह 2 दिन बाद फोन से पिता को इसकी सूचना दी। हालांकि बेटे बेटी से पुलिस ने जब पूछा तो बेटी ने सारी कहानी बयां कर दी। उसने बता दिया कि भाई नहीं मां की हत्या कर दी है।
एडीसीपी के अनुसार शनिवार की रात बेटे ने कमरे को बाहर से ताला लगा दिया। छोटी बहन को धमकी देकर चुप करा दिया। घर में मां की लाश पड़े होने के बाद उसने दोस्तों को फोन करके बुलाया और पार्टी की। ऑनलाइन खाना मंगाया, गाने बजाए। कुछ देर बाहर दोस्तों के साथ खेलने भी गया। एडीसीपी ने कहा कि मूल रूप से नवीन सिंह वाराणसी के रहने वाले हैं। बच्चों की पढ़ाई लिखाई के चलते मां के साथ होने लखनऊ शिफ्ट करा दिया था। गलत संगत में पड़ने के कारण बेटे ने इस घटना को अंजाम दिया। 10 वर्षीय साधना की बेटी ने बताया कि जब वह मां के साथ सो रही थी तब गोली चलने की आवाज आई। वह घबरा कर बेड से उठ पड़ी। सामने पिस्टल लेकर भाई खड़ा था और मां बेड पर खून से लथपथ पड़ी थी।
इसके बाद भैया मुझे गोदी में लेकर दूसरे कमरे में चले गए और धमकाया कि यदि इसके बारे में किसी को बताया तो वह मुझे भी जान से मार देंगे। वह 2 दिनों तक रोती रही। जब सबके दुर्गंध से घर में रहना मुश्किल हो गया, तब भैया ने पापा को बताया। बेटे ने पूछताछ के दौरान बताया कि मां ₹10 हज़ार रूपए कमरे में रख कर भूल गई थी। मैंने नहीं लिए थे लेकिन मुझे पीटा गया। पैसे थोड़ी देर बाद फिर मिल गए। मैं गुस्से में था और रात के 2:00 बजे पापा की पिस्टल लेकर मैं मां के कमरे में पहुंचा। मैंने उनके सिर में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। बेटे के मुंह से यह कहानी सुनकर पुलिस भी हैरत में है।