बिना कोचिंग एक साल की तैयारी में IAS बनी डॉक्टर अर्तिका शुक्ला,आज देश के युवाओं की रोल मॉडल है

अगर पूरी शिद्दत से किसी चीज़ को चाहो तो सारी कायनात आपको उससे मिलाने में जुट जाती है। ये हम इसलिए कह रह रहे हैं क्योंकि कुछ ऐसा ही कर दिखाया है डॉ. अर्तिका शुक्ला ने। अर्तिका शुक्ला जिन्होंने MBBS की पढ़ाई की। फिर उन्होंने MD की पढ़ाई की। लेकिन सपना था आईएएस बनने का। जिसे वह हर हाल में पूरा करना चाहती। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए अर्तिका ने सबसे पहले सोशल मीडिया से दूरी बनाई और यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। महज एक साल में अर्तिका ने बिना कोचिंग के आईएएस की परीक्षा पास कर ली और अब वह देश के युवाओं की रोल मॉडल बन गई हैं।

शुरू से रही हैं टॉपर – वो मानती हैं कि अगर आपने स्कूल के दिनों में अच्छे से पढ़ाई की है तो आधी तैयारी यहीं से पूरी हो जाती है। इस परीक्षा में 10वीं लेवल के मैथ्स, अंग्रेजी और थोड़ी सी समझदारी आपको परीक्षा के पहले पड़ाव को आसानी से पार करा सकती है। डॉ. अर्तिका बताती हैं कि इंटरव्यू में खुद को कॉन्फिडेंट रखें। 

अर्तिका का कहना है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए उन्होने कड़ी मेहनत के साथ समय के सही प्रबंधन पर अधिक ध्यान दिया। वह बताती है कि सबसे पहले उन्होने सोशल मीडिया से दूरी बनाई। इसके पीछे वह बताती है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने से सहीं समय प्रबंधन नहीं हो पाता है और एकाग्रता की कमी आती है।

तीन चरणों में होने वाली आईएएस की परीक्षा के लिए अर्तिका ने योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई शुरू की। प्रारम्भिक और मेंस की परीक्षा के लिए अलग अलग ढंग से तैयारी की। रात में वह लिखने का अभ्यास करती थी। सभी विषयों को समय से पूरा करने के लिए टाईम टेबल बनाकर अध्ययन शुरू किया। साक्षात्कार के लिए उन्होने अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा किया क्योंकि आत्मविश्वास का साक्षात्कार से गहरा नाता है। अर्तिका मानती हैं कि अगर लक्ष्य आईएएस बनने का है तो इसके लिए 10 वीं से ही गंभीर होकर पढ़ाई शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपको आगे चलकर काफी मदद मिलती है।

एक इंटरव्यू में अर्तिका ने बताया कि साल 2014 में सिविल सर्विस की परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया में चौथी रैंकिंग हासिल की थी। वहीं इस परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों को अर्तिका ने सलाह दी कि प्रीलिम्स और मेन्स दोनों को दिमाग में रखकर तैयारी करनी चाहिए। रात में लिखने की प्रैक्टिस के साथ कुछ घंटे मेन्स के लिए साथ में देते रहें। इसके अलावा सोशल मीडिया से दूरी बना लें।

डॉ.अर्तिका ने कहा कि उनका अधिकांश समय नई दिल्ली में बीता है। मां से खाना बनाना सीखा है अब खाने बनाने में रूचि हो गयी है। आज जो भी मिला है वह मां ने ही दिया है। डॉ.अर्तिका को नॉवेल पढऩे का बहुत शौक है।