अशोक कुमार ठाकुर ,तेघरा (बेगूसराय) शराब के धंधे से जुड़े लोगों के विरुद्ध तेघरा अनुमंडलीय टीम (ALTF )3 शराब निरोधी दास्ता ने 28 जुलाई गुरुवार की सुबह 5:बजे तेधरा प्रखंड के उत्तरी क्षेत्र पिपरा दोदराज पंचायत के विद्या की मंदिर नोंनपुर मध्य विद्यालय से के पीछे के तील खेत व बहियार से विभिन्न स्थानों पर छापेमारी अभियान चलाकर एक अनुमानतः पांच सौ लीटर अर्ध निर्मित कच्चा शराब बरामद कर उन्हें नष्ट कर दिया।
एलटीएफ के नेतृत्व कर रहे कृष्णा प्रसाद ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार को सुबह 5:बजे पुलिस बल के साथ सर्च अभियान के तहत प्लास्टिक के ड्रम, जरकिन तथा डब्बे में तकरीबन 500 लीटर से अधिक अर्ध निर्मित फुला महुआ, मीठा और रॉ मैटेरियल को नष्ट किया गया। इससे जुड़े धंधेबाज फरार हो गए यह सभी सामग्री लावारिस हालात में पाए गए। जिसे विनष्ट करते हुए सभी उपस्करों को भी नष्ट किया गया। टीम के साथ पुलिस बल एवं ग्रामीण चौकीदार आदि मौजूद थे।
इस गांव से लगातार पुलिस टीम के द्वारा इतने बड़े पैमाने पर शराब की बरामदगी से यह ज्ञात होता है कि शराबबंदी सिर्फ कागजों पर ही दिख रही है। जमीनी हकीकत कुछ और ही है।शराबबंदी के बावजूद क्षेत्रों में आए दिन अवैध शराब भारी मात्रा में जप्त हो रही है लेकिन शराब के धंधे फलता फूलता नजर आ रहा है। आखिर मुख्यमंत्री के दृढ़ निश्चय तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद शराब बंदी क्यों विफल हो रही है वाकई यह लाजमी है कि बिहार में यह कैसी शराबबंदी। अब प्रश्न उठना तेज हो गया है कि क्या यह अव्यवहारिक निर्णय था जिससे कभी भी अमलीजामा नहीं पहनाया जा सकता है।जानकार का मानना है कि इस स्थिति के लिए कोई एक नहीं बल्कि पूरी व्यवस्था जिम्मेवार है इससे साबित होता है कि हर स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है।