स्टेशन जाने के लिए पहुंच पथ नहीं राहगीरों की बढ़ी मुश्किलें

मंसूरचक (बेगूसराय)/ आशीष भूषण रेल अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के अपेक्षा के कारण बरौनी- समस्तीपुर रेलखंड पर स्थित प्रखंड क्षेत्र का इकलौता रेलवे स्टेशन साठा जगत मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।स्टेशन आने जाने के लिए पहुंच पथ नहीं होने के कारण राहगीरों को गिरकर चोटिल होना पड़ता है। वही बरसात के मौसम में झील में तब्दील समपार संख्या 28 के पास देखने को मिल रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार ट्रेन यातायात ठप कर विभाग को आवेदन भी दिया गया।

लेकिन आज तक यहां यात्रियों को समुचित सुविधा मुहैया कराने की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं हो रही है। पहुंच पथ नहीं होने के कारण यात्रियों को रेलवे ट्रैक पार कर जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने को विवश हैं। वहीं इलाके के लोगों का कहना है। कि यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है। प्लेटफार्म संख्या एक पर बैठने के लिए बेंच तो है लेकिन शेड की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसी कारण गर्मी व बरसात में यात्रियों को काफी ज्यादा फजीहत झेलनी पड़ रही है।

यात्री चंद्रदेव झा, विष्णुदेव पोद्दार,मोहम्मद तसव्वर,नौशाद,सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि स्टेशन परिसर में लाइट का अभाव है। इसके कारण रात के समय काफी ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं स्टेशन से समपार संख्या 28 आने के लिए कई बार यात्री गड्ढे में गिर जाते हैं। मध्य रात्रि में यात्रियों को प्लेटफार्म संख्या दो आने में अधिक परेशानी होती है। टिकट काउंटर के आसपास बड़े-बड़े जंगल बिजली की तार आदि लटका हुआ रहता है। वही शौचालय की भी घोर अभाव देखने को मिला,

शौचालय नहीं रहने से महिलाओं को परेशानी। शौचालय विहीन साठा जगत रेलवे स्टेशन आम यात्रियों की काफी ज्यादा दिक्कत झेलनी पड़ रही है। हालांकि कहने को तो दो-दो शौचालय है। पर दोनों पूर्ण रूप से खंडहर बने हुए हैं। यात्री अजीत कुमार झा बताते हैं कि स्टेशन परिसर में नहीं शौचालय होने के कारण खास करके महिलाओं को काफी ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। दर्जनभर से अधिक गांवों के लोगों का जिला मुख्यालय जाने का एक मात्र साधन ट्रेन ही है। स्टेशन का प्लेटफार्म संख्या दो पर जंगल के अंबार लगी हुई हैं। रात्रि में यात्रियों को कीड़े मकोड़े का डर लगा रहता है।