अगर ये हुआ तो बेगूसराय में भाजपा बिखर जाएगी, जान लीजिए कार्यकर्ताओं ने क्यों की बगावत

तेघड़ा/बेगुसराय(अनंत कुमार): बिहार विधानसभा 2020 की तैयारी जोरों पर है पहले चरण के नामांकन की तिथि 8 अक्टूबर है। बेगूसराय के सातों सीट पर तीन नबम्बर को मतदान होने हैं। एनडीए में शीट शेयरिंग से नाराज बेगूसराय के भाजपा कार्यकर्ताओं में उबाल का दौर शुरू हो गया है। कमोबेश जहां एनडीए ने जदयू और भाजपा के साथ पूरे बिहार में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है ,और उसके बाद ही शुरू हुई बगावत, बेगूसराय जिला के तेघड़ा विधानसभा में भी देखने को मिला।

बेगूसराय की तेघड़ा विस सीट जदयू कोटे में जाने के बाद क्षेत्र के भाजपा के बड़े से छोटे कार्यकर्ताओं तक में आक्रोश देखने को मिल रहा है। विस्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा कार्यकर्ता व् पूर्व विधायक ललन कुंवर,केशव शाण्डिलय और कृष्णनंदन सिंह इन तीनों में कोई एक चुनाव लड़ सकते है। विधानसभा के आम लोगों की माने तो वह लोग भाजपा के नेता कृष्णनंदन सिंह को कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि तेघड़ा का बेटा मानते है। और उनसे आम जनता ने दिन- रात फोन करके सोने भी नहीं दे रहे है ।यही स्थिति पूर्व विधायक ललन कुंवर और केशव शाण्डिल का भी है ।

आम जनता और भाजपा कार्यकर्ता इन तीनों आदमियों में किन्हीं एक की उम्मदवारी के लिए तन,मन और धन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की बात कह रही है। भाजपा के कार्यकर्ताओं का मानना है कि 2015 में वर्तमान जदयू के उम्मीदवार राजद खेमे से आए थे ,और यहां से जीतकर गए ।उसके बाद पिछले 5 वर्षों में वह जनता से अलग रहे। केवल कुछ लोगों के वह विधायक थे। कुछ लोगों के पास आते थे और बैसाखी पर सवार होकर हुकुम चलाते थे । जिसके कारण उनके नाम से ही लोगों में मन में काफी आक्रोश है और गठबंधन दल भी उनके सामने खड़ा होना नहीं चाह रही है।

हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि जब भाजपा में दर्जनों नेता तेघड़ा में हैं तो फिर, यह सीट क्यों भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने जदयू को दिया यदि शीर्ष नेतृत्व हमेशा निचले स्तर के कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ने का काम करेगी तो हम लोग विरोध का बिगुल फूंकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि 9 अक्टूबर तक तेघरा भाजपा कार्यकर्ताओं में से किसी एक के नाम की सहमति बन सकती है, और वह एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार वीरेंद्र महतो के खिलाफ चुनाव लड़ेगी ।जिसकी आज एक अधिकारी बैठक बरौनी में आयोजित की गई जहां सभी मंडल के अध्यक्ष एवं दर्जनों कार्यकर्ता शामिल रहे।