श्रावणी झुला महोत्सव के चौथे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का किया गया आयोजन , झूमते रहे दर्शक

बछवाड़ा ( बेगूसराय ) /~सुनील कुमार सुशांत प्रखंड क्षेत्र के रानी तीन पंचायत के रानी गांव स्थित राम जानकी ठाकुरवाड़ी परिसर में समाजसेवियों के द्वारा सोमवार की रात श्रावणी झुला महोत्सव के चौथे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन ठाकुरवाड़ी के महंथ नागा राघवेन्द्र दास जी महराज के द्वारा भगवान् की आरती से की गयी। उन्होंने श्रद्धालुओ को संबोधित करते हुए कहा कि प्राणी के ऊपर परमात्मा की कृपा होती है।वही प्राणी सत्संग व धार्मिक कार्यों में पहुंच पाते हैं । प्रभु की कृपा के बिना प्राणी सत्संग व धार्मिक कार्य के समीप नहीं पहुंच सकता है ।

श्रावण मास में जो भक्त भगवान श्री हरि को पूरी आस्था व श्रद्धा के साथ झूला पर झूलाते है। उन्हें सांसारिक माया एवं अन्य विपत्तियों में झूलना नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि झूला महोत्सव आज से नहीं बल्कि सतयुग से ही चली आ रही है। उन्होंने कहा कि इस पांच दिवसीय महोत्सव का समापन श्रावणी पूर्णिमा के दिन होगा। वही श्रावणी झुला के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत भागलपुर आकाशवाणी के कलाकार राजीव कुमार सिंह ने गणेश वंदना बंदे गणपति विघ्न विनाशक हे लंबोदर से किया।

उसके बाद कलाकारों के द्वारा एक से बढ़कर एक भक्ति गीत प्रस्तुत की गयी। ‘राजीव कुमार सिंह तोसे प्रीत तोङूं कृष्णा किसके संग जोरू रे, प्रभु चरण से प्यार सच्चा अगर किसी को हो जाए तो दो-चार शहर की बात है क्या संसार उसी का हो जाए,दया की दृष्टि मनमोहन कि अगर हो जाए इस संसार के जंजाल से उद्धार हो जाए,लाज रखो हे कृष्ण मुरारी, झूला झूले घनश्याम बिरज में झूला झूले धनश्याम, भीड़ आदमी का है आदमी अकेला है कौन किसका साथी है जाना तो अकेला है,गीतों पर श्रोता भाव विभोर हो गए और पुनः भजन गाने की मांग करने लगे।

वही कौन कहता भगवान आते नहीं बैर सबरी के जैसे बैर खिलाते नहीं,एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो, मेरे भोले के दरबार में, पैसे से बिस्तर लाओगे नींद कहां से लाओगे, कजरा जन्मे के बैरी झिकझोर करें बदरा राते के, तुझ बिन लागे ना मोरा जिया, मै साफ कह देता हूं मेरे हाथों में है इंसाफ पैसा बोलता है, नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो चरण हो राघव के जहां मेरा ठिकाना हो, कैलाश के निवासी आयो शरण तुम्हारी तार-तार कर देना ,जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा वह भारत देश है मेरा, गीतों पर दर्शको ने खूब तालियां बजाई।

वही गायक पंकज कुमार ने मीरा प्रेम दीवानी मीरा कृष्ण दीवानी काहे तेरी अंखियों में पानी,मेरा भोला है भंडारी करे नंदी की सवारी शंभू नाथ रे भोलेनाथ रे, बम बम बोल रहा है काशी बम बम बोल रहा है साथी ,हर हर शंभू शिव महादेवा शिव महादेवा, गीतों पर श्रोता खूब झूमे। वही भागलपुर से पधारे भजन गायिका अर्पणा पांडे ने अपने भजन गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो राधा रमण हरि गोविंद बोलो ,राधा झूला झूल रही कि श्याम देखा, राधे राधे जपा करो कृष्ण नाम जपा करो, श्याम तेरे नाम की दीवानी हो गई, दुनिया में देव हजारो है बजरंगबली का क्या कहना, बाबा नेने चलियो हमरो अपन नगरी अपन नगरी हो झारखंड डगरी, हाथी ना घोड़ा ना कौनो सवारी पैदल ही आइबु तु दुआरी ,काले के शिव के मनाई हो शिव मानत नाही , जैसे भजनों की प्रस्तुति कर मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कलाकारों के गीतों पर रात भर श्रोता झूमते रहे।कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुखिया अशोक राय,रामपुकार राय,सरपंच सरोज राय, डॉ रामकृष्ण,मंटून राय,राजेश कुमार दारा,मृत्युंजय कुमार,संजीव कुमार,अरुण कुमार मित्र,मनोज सिन्हा,छोटेलाल पासवान आदि लोगो का योगदान सराहनीय रहा।