डेस्क : क्या अब मेटा को WhatsApp और instargam बेचने पड़ेंगे? कंपनी के रेवेन्यू का ये दोनों ही ऐप बड़ा हिस्सा है। अब सवाल ये उठता है कि कंपनी ऐसा क्यों करेगी? तो इसका कारण है फेडरल कमीशन, जिसका नेतृत्व कर रही हैं पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा कमीशन में अपॉइंट की गई लीना खान। फेडरल जज से फेडरल ट्रेड कमीशन को हरी झंडी मिलने के बाद अब एंटी ट्रस्ट मामले में दिग्गज टेक कंपनी मेटा ( पहले फेसबुक) को घसीटा जा सकता है।
मालूम हो कि पिछले साल भी मेटा के खिलाफ एजेंसी कोर्ट जा चुकी है। तब कम जानकारी होने के कारण कोर्ट ने मामले की सुनवाई नहीं की थी, लेकिन इस बार एफटीसी अपनी शिकायत में बदलाव के साथ कोर्ट पहुंचा है। जहां एफटीसी ने आरोप लगाया कि सोशल नेटवर्किंग क्षेत्र में मेटा की मोनोपोली है। एफटीसी की नजर ना सिर्फ मेटा पर, बल्कि ऐमेज़ॉन और गूगल पर भी है।
कई बड़ी कंपनियों को मात दे चुकी हैं लीना खान
एंटी ट्रस्ट इश्यू के साथ काफी समय से 33 वर्षीय लीना खान का नाम जुड़ा हुआ है। वह अमेरिका में एंटी ट्रस्ट और कंपटीशन लॉ के लिए तब से काम कर रही हैं, जब वह Yale law school में थी। साल 2021 के मार्च में अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने लीना को कमीशन में अपॉइंट किया और जून से वह काम कर रही हैं। इसके अलावा वह कोलंबिया law school me एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर हैं। लीना खान ने अपने कैरियर में बड़ी टेक कंपनियो को मात दिया है। हालांकि, मेटा ने इस बारे ने कहा है कि वह कंपनियों को लेकर पक्षपाती हो जाती हैं। जिसके बाद बाद मामले की सुनवाई कर रहे फेडरल जज James E. Boasberg ने कम्पनी के इस दावे को सिरे से खारिज़ कर दिया।
बता दें, कि FTC ने साल 2012 में फेसबुक की एक अरब डॉलर में इंस्टाग्राम के अधिकरण को मंजूरी दी थी। तब कंपनी में 13 कर्मचारी थे। फिर इसके दो साल बाद यानि कि साल 2014 में इंसटेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप को फेसबुक ने 19 अरब डॉलर में खरीद लिया।। इसपर FTC का कहना है कि क्रम से फेसबुक ने अपने कंपीटीटर्स को खरीदा और मोनोपाली बनाई। वहीं कमीशन का आरोप है कि कंपनी के प्रभाव के चलते कंज्यूमर्स को भी कम ऑप्शन मिल रहे हैं। साथ ही बाजार में नैतिक और बिजनेस इन्नोवेशन नहीं आ रहे हैं। इसके चलते प्राइवेसी प्रोटेक्शन में कमी देखने को मिली है।