दिसंबर से इतने महंगे हो सकते हैं Jio-Airtel-Voda-Idea के प्लान्स

बुरी खबर, मोबाइल फोन यूजर्स जरूर पढ़ें यह खबर

आय दिन टेलीकॉम कंपनियों का संकट थमने का नाम नही ले रहा है। ऐसे में जो परेशानियां कंपनियों को झेलनी पड़ेंगी उसी प्रकार कुछ परेशानिया आम इंसान की ज़िंदगी मे भी देखने को मिल सकती है।

टेलीकॉम में मोनोपोली नहीं होने देना चाहती सरकार, उठाएगी ये कदम

दोस्तों जब से सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, तब से सारी टेलीकॉम कंपनियों में हड़कम्प सा मचा हुआ है। ऐसे में देश की जानी मानी कंपनी रिलायंस जियो का कहना है कि वह बढ़ी हुई अडजसेन्ट ग्रॉस रेवेनुए (AGR)के तहत कोई आर्थिक मदद न मुहैय्या कराई जाए दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को जैसे भारती एयरटेल, वोडाफोन, आईडिया, क्योंकि यह कंपनिया काफी ज़्यादा क्षमता रखती है मोटी रकम चुकाने के लिए।

जिओ ने यह भी प्रस्ताव रखें है कि जी.एस. टी ओर अन्य टैक्स पर भी इन कंपनियों को छूट न दी जाए।आपको यह भी बता दे कि इस रकम को चुकाने की अविधि केवल 2 दो माह तक कि ही है। 2 महीने के अंतर्गत कंपनियों को यह रकम चुकानी होगी अन्यथा उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। अब आप यह सोच रहे होंगे की यह कोन सी रकम है। यह रकम टेलीकॉम लाइसेंस खरीदने की होती है, ओर बैंड स्पेक्ट्रम की रकम होती है जिससे हमारे मोबाइल में सिम एक निर्धारित समय सीमा पर ऑपरेट होता है।

कोर्ट के द्वारा जब यह पाया गया कि काफी समय से इसकी रकम नही चुकाई है तो अब टेलीकॉम कंपनियों का गला सूख गया है,ओर अब वह हर मुमकिन कोशिश में है, कि किसी तरह से थोड़ी रियायत मिले।

जानी मानी कंपनिया जैसे ब्रिटिश टेलीकॉम का कहना है कि हम पूरा साथ दे रहे है वोडाफोन और आईडिया का ओर हम् सरकार से भी लगातार इस मुद्दे पर बात चीत कर रहे है। दोस्तों इस ब्यान से यह साफ झलकता है कि यह हार मानने को तैयार नही है। इस मामले की जांच पड़ताल के लिए सरकार ने कुछ सचिवों की नियुक्ति करी है जिसके प्रमुख सेक्रेटरी राजीव गौबा है।

ऐसे में जहां भारत मे 5 जी का आगमन होना बाकी है उसी तरफ दूसरी ओर यह समस्या भी है जिससे निबटना बेहद ज़रूरी है। उन बैंकों के लिए भी मुसीबत किसी आसमान में छलांग लगाने से कम नहीं है। जिनका इन कपनियो में निवेश है। एम टी अन एल ओर बी एस एन जैसी सरकारी टेलीकॉम कंपिनयां भी गहरे चिंतन में है।

जी.एस.टी ओर अन्य टैक्सो पर भी कमर कसी जाए ऐसा जिओ का कहना है। सेलुलर ऑपरेटर ऑफ इंडिया C O A I इस विचार में है कि लाइसेंस की फीस ओर बैंड स्पेक्ट्रम के चार्जेज को मिलाकर घटा दिया जाए।पर जिओ इसके समर्थन में बिल्कुल नज़र नही आरहा है।कोर्ट के फैसले के हिसाब से चले तो भारती एयरटेल, वोडाफोन, ओर आईडिया को चुकाने होंगे लगभग 80,000 करोड़ के करीब।

C O A I का यह भी कहना है कि अगर इनको इस रकम में राहत न दी गयी तो कंपनियों को मुश्किलो का सामना करना ही होगा। ओर इस सेक्टर में मोनोपोली बनने का खतरा बन जायेगा और इसके अनेकों नुकसान जैसे कि एक शिक्षित वर्ग की नौकरी हाथ से चली जायेगी। गांव देहात के इलाकों म नेटवर्क कवरेज म दिक्कतें आएंगी ओर डेटा चार्जेज में भी इजाफा हो जाएगा।ओर तो ओर इस सेक्टर में 7 लाख करोड़ का कर्जा हो जाएगा।

Anurag Yadav