भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ने किया बड़ा खुलासा, बताया किस बात से सबसे ज्यादा परेशान हुए रोहित शर्मा

Sports Desk : भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा(Rohit Sharma) के करियर को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है. पहला रोहित शर्मा के करियर के शुरुआती 6 साल और साल 2013 के बाद से रोहित शर्मा का करियर. दरअसल करियर के पहले 6 सालों में रोहित शर्मा लगातार टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए.

वह कभी टीम में शामिल होते तो कभी टीम से बाहर. वह ऐसा दौर था जब रोहित में निरंतरता की कमी थी. वह साल 2011 वर्ल्ड कप में भी टीम में जगह नहीं बना पाए थे. साल 2013 में पहली बार एमएस धोनी ने रोहित शर्मा को ओपनिंग करने का मौका दिया, जिसके बाद से ही सब कुछ बदल गया. तब से रोहित शर्मा ने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा और वह वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं.

रोहित शर्मा का टेस्ट करियर साल 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ चार पारियों में रोहित शर्मा ने 78 रन बनाए. उसी साल इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज में भी रोहित ने शानदार प्रदर्शन किया. इसके बावजूद रोहित शर्मा को टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली. उस समय चयनकर्ताओं ने रोहित शर्मा के ऊपर करुण नायर को प्राथमिकता दी.

भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक(Dinesh Karthik) ने बताया कि इस बात से रोहित शर्मा को और बेहतर खेलने की प्रेरणा मिली. वहीं इसके बाद रोहित शर्मा ने शानदार प्रदर्शन की बदौलत टीम में अपनी जगह पक्की कर ली. रोहित व्हाइट बॉल क्रिकेट में हमेशा से ही शानदार प्रदर्शन करते रहे हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अबूझ पहेली बन कर रह गए थे. लेकिन साल 2019 के बाद सब कुछ बदल गया. साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में रोहित शर्मा को बतौर ओपनर उतारा गया है उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की.

डेब्यू टेस्ट मैच की दोनो पारियों में जड़ा था शतक गौरतलब है, कि सचिन तेंदुलकर( Sachin Tendulkar) ने साल 2013 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला. उस मैच की दोनों पारियों में रोहित शर्मा ने शतक बनाया लेकिन उसके बाद से इस बल्लेबाज को टेस्ट मैच खेलने के लिए 4 साल का इंतजार करना पड़ा. तब तक वह एकदिवसीय क्रिकेट में बतौर ओपनर तीन दोहरे शतक लगा चुके थे. वहीं सितंबर 2021 में रोहित शर्मा ने विदेशी सरजमीं पर अपना पहला टेस्ट शतक बनाया. यह स्टार भारतीय खिलाड़ी अब भारतीय टीम का कप्तान है.