ओलंपिक में भारत के नीरज चोपड़ा ने रच दिया इतिहास , जेवलिन थ्रो में देश को दिलाया गोल्ड मेडल

डेस्क : भारत के लाल ने इतिहास रच दिया है। जेवलिन थ्रो में ओलंपिक में नीरज चोपरा ने गोल्ड मैडल को देश की झोली में डाल दिया । देश के नागरिकों में खुशी का माहौल है। टोक्यो ओलंपिक का आज आखिरी दिन है, और जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। उन्होनें पदक पर निशाना पक्का करते हुए देश को गौरवान्वित किया । नीरज पहले राउंड में 87.3 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर टॉप पर रहे। दूसरे प्रयास में उन्होनें 87.58 मीटर की दूरी तक भाला फेंक दिया । इस प्रकार से वो दोनों ही राउंड में वह टॉप पर रहे।

भारत एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक का इंतज़ार पिछले 100 साल से कर रहा था। इस इंतजार को समाप्त करने के लिए सभी की नज़रे नीरज चोपड़ा पर निगाहें टिकी थी, जो टोक्यो ओलंपिक में शनिवार यानी ‌आज शाम 4:30 बजे पुरुषों के भाला फेंक के फाइनल में अपना प्रतिभा दिखाकर विश्व में भारत का परचम लहरा दिये । नीरज चोपड़ा को ओलंपिक से पूर्व ही पदक का दावेदार माना जा रहा था। इस 23 वर्षीय एथलीट ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए क्वालिफिकेशन में अपने प्रथम प्रयास में 86.59 मीटर वाला फेंक कर फाइनल में स्थान बनाई थी। भारत की ओर से एंटवर्प ओलंपिक के पांच खिलाड़ियों ने भी भाग लिया था, लेकिन तब से लेकर अब तक कोई भी भारतीय एथलेटिक्स में पदक नहीं हांसिल कर पाएं है। यह सूखा हरियाणा पानीपत के पास ही खांद्रा गांव के नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर खत्म किया । इससे पहले मिल्खा सिंह और पीटी उषा जैसे धावक 1964 और 1984 में बहुत कम अंतर से पदक लेने से चूक गए थे।