Tokyo Olympics 2020 : एथलिटिक्स खेल में भारत का 100 साल का सूखा होगा खत्म, जानिए नीरज पर क्यों टिकी निगाहें

न्यूज डेस्क : भारत एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक का इंतज़ार पिछले 100 साल से कर रहा है। इस इंतजार को समाप्त करने के लिए सभी की नज़रे नीरज चोपड़ा पर एक टक लगा कर टिकी हैं, जो टोक्यो ओलंपिक में शनिवार यानी ‌आज शाम 4:30 बजे पुरुषों के भाला फेंक के फाइनल में अपना प्रतिभा दिखाएंगे। नीरज चोपड़ा को ओलंपिक से पूर्व ही पदक का दावेदार माना जा रहा है। इस 23 वर्षीय एथलीट ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए क्वालिफिकेशन में अपने प्रथम प्रयास में 86.59 मीटर वाला फेंक कर फाइनल में स्थान बनाई थी।

भारत की ओर से एंटवर्प ओलंपिक के पांच खिलाड़ियों ने भी भाग लिया था, लेकिन तब से लेकर अब तक कोई भी भारतीय एथलेटिक्स में पदक नहीं हांसिल कर पाएं है। इस बार, हरियाणा पानीपत के पास ही खांद्रा गांव के नीरज चोपड़ा से पदक जीतने की उमीद जताई जा रही है। इस से पहले मिल्खा सिंह और पीटी उषा जैसे धावक 1964 और 1984 में बहुत कम अंतर से पदक लेने से चूक गए थे। नीरज चोपड़ा ने क्वालीफाइंग के पश्चात कहा कि प्रैक्टिस के समय मेरा खेल बेहतर नहीं था, परंतु क्वालीफाइंग में मेरा पहला थ्रो सही कोण से गया। यह शानदार था।” वे आगे कहते है कि मुझे थ्रो पर ध्यान देने की जरूरत है। और अपना यही प्रदर्शन दोहराना होगा और इससे अधिक स्कोर बनाना होगा। पदक के कुछ धकार दावेदार क्वालीफाइंग में ही बाहर हो गए।

इनमें पोलैंड के मार्सिन 2012 के ओलंपिक चैंपियन और रियो 2016 के कांस्य पदक विजेता त्रिनिदाद एवं टोबैगो के केशोर्न वालकॉट भी शामिल है। बता दें कि इस बार ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में सिर्फ नीरज चोपड़ा और वेटर ही फाइनल में पहुंचे हैं। आज मुकाबला इन दोनों के बीच ही होना है।