ISRO Sun Mission : इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एस -1 (Aditya L-1 Launch) लॉन्च की रिहर्सल पूरी हो चुकी है। Aditya L-1 को इसरो का सबसे भरोसेमंद रॉकेट PSLV- C57 धरती की लोअर अर्थ आर्बिट में छोड़ेगा लेकिन क्या आप जानते हैं की Aditya L-1 Launch कैसे इतनी गर्मी झेलेगा?
ISRO और Aditya L-1
ISRO (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। आज ISRO अपना पहला सूर्य मिशन पूरा करेगा। इस मिशन को आज 11:50 पर श्री हरिकोटा से लॉन्च किया गया है और इसे पहले सूर्य मिशन Aditya ‘ लैंग्वेज प्वाइंट’ यानी L 1 में स्थापित किया जाएगा।
कैसे होगा अध्ययन?
गौरतलब है कि सूरज की सतह से थोड़ा ऊपर यानी Photosphere का तापमान करीब 5 हजार 500 डिग्री सेल्सियस है और सूर्य के केंद्र का अधिकतम तापमान 1.50 करोड़ सेल्सियस होता है। इस तापमान से समझ आता है कि पृथ्वी से भेजी गई कोई भी चीज की गर्मी झेल सके।
सूर्य का तापमान कैसे झेलेगा Aditya L-1
मिशन आदित्य L 1 को भारत के ISRO का ISTRAC तो ट्रैक करेगा ही और साथ में यूरोपीय स्पेस एजेंसी के सैटेलाइट ट्रेकिंग सेंटर भी इसे ट्रैक करेंगे।
क्या होता है लैंग्वेज प्वाइंट में?
लैंग्वेज प्वाइंट अंतरिक्ष वो जगह होती है, जहां पर यदि किसी पिंड को छोड़ दिया जाए, तो वो वहीं ठहर जाता है। वहीं जिस ऑर्बिट में आदित्य L1 को छोड़ा जा रहा है और ये टेलिस्कोप को सूरज के चारों ओर घूमते वक्त धरती की सीध में रहेगा और ये सूर्य से उसको बचाए रखेगा।
Aditya L-1 क्या करेगा?
बताया जा रहा है कि आदित्य L1 में साथ पेलाड होंगे, जो सूर्य पर नजर रखेंगे और ये सूर्य की ऊपरी सतह का अध्ययन करेगा और सूर्य के अध्ययन से दूसरे ग्रहों का अध्ययन और व्यवहार समझा जा सकता है।