डेस्क : चाइना अपनी हरकतों से दुनिया को डराता रहता है बता दें कि वह तकनीक में इतना आधुनिक हो चुका है कि उसके भेजे गए रॉकेट हजारों किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ते हैं। ऐसे में एक रॉकेट चाइना द्वारा भेजा गया था, जो 100 फीट लंबा है। इस रॉकेट का वजन 21 टन है, बता दें कि बीते वर्ष चाइना का एक रॉकेट पश्चिमी अफ्रीका और अटलांटिक महासागर में जा गिरा था। इस घटना की वजह से अफ्रीका का एक गांव तबाह हो गया था।
अब उस गांव में कोई नहीं रहता है, कुछ इसी प्रकार की हरकत चीन ने दोबारा की है, जहां पर उसने तिहाने नाम का स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में छोड़ा था। इसका मकसद था कि यह चाइना के स्पेस सेंटर को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा। लेकिन, अब वह रॉकेट अपनी दिशा भटक चुका है। इस रॉकेट का नाम है लोंग मार्च 5B Y2, बता दें कि इसकी गति 27000 किलोमीटर प्रति घंटा है, जिसके चलते वह 7 किलोमीटर की दूरी 1 सेकंड में पार कर लेता है।
बता दें कि जब यह रॉकेट अंतरिक्ष में गया तो उसका मकसद था कि वह अपने स्पेसशिप स्टेशन को लांच करेगा और वापस धरती पर आ जाएगा। लेकिन वापस धरती पर आने की प्रक्रिया से वह भटक गया और अब अनियंत्रित होकर धरती के चक्कर काट रहा है। धरती पर मौजूद अलग-अलग देशों के रडार सिस्टम इस रॉकेट पर नजर रख रहे हैं लेकिन वह नजर रखने में सक्षम नहीं है क्योंकि इसकी गति इतनी तेज है कि यह किसी रडार की पकड़ में नहीं आ रहा है।
बता दें कि अक्सर इन रॉकेट को जमीन पर उतारने के बजाय पानी में उतरवाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि नुकसान होने की संभावना कम हो सके। अब यह पता लगाना मुश्किल हो गया है की यह रॉकेट धरती के किस कोने पर गिरेगा। चीन के वैज्ञानिकों ने इस बात पर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। दुसरे देशों के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह रॉकेट अमेरिका के दक्षिणी तट, अफ्रीका के पश्चिमी तट और ऑस्ट्रेलिया के इलाके में गिर सकता है। बता दें कि उसकी दूरी भारत से काफी ज्यादा है। जिसके चलते भारत को नुकसान होने की आशंका बहुत कम है। वहीं कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यह धरती के वायुमंडल में आता है तो यह जलकर खाक हो जाएगा, इसके चलते मानव सभ्यता को कोई परेशानी नहीं होगी।