Sukanya Samriddhi Yojana : बेटी के उज्जवल भविष्य के लिए करें निवेश – पढाई और शादी में होगी मदद

डेस्क : दुनिया में मौजूद ज्यादातर एक्सपोर्ट्स का कहना है कि इंसान जब अपनी कम से कम उम्र में निवेश करना शुरू कर देता है तो उसको अपनी जिंदगी के आखिरी और मुश्किल पलों में किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ती क्योंकि उसके द्वारा जमा की गई राशि ही उसको कई गुना मुनाफा दे जाती है।मुसीबत के वक्त इंसान का बचाया हुआ पैसा ही उसके काम आता है। इस वजह से भारत सरकार भी अपने नागरिकों के हितों के लिए समय-समय पर अनेकों योजना लेकर आती रहती है।

आज हम आपको ऐसे ही एक योजना के बारे में बताने वाले हैं, जिसका इस्तेमाल कर के आप अपने घर में मौजूद बेटी का जीवन खुशहाल बना सकते हैं। बता दें कि इस योजना का नाम है सुकन्या समृद्धि योजना। इस योजना का लाभ आप अपने नजदीकी बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस से प्राप्त कर सकते हैं। सरकार ने इस योजना को बेटी की उच्च स्तर की पढ़ाई और शादी के लिए लेकर आई है। सरकार की तरफ से शुरुआती 3 महीने में हर योजना का ब्याज दर तय किया जाता है। ऐसे में इस योजना के लिए सरकार में 7.6 ब्याज दर तय की है। इस योजना में कोई भी व्यक्ति अपनी बेटी के लिए 15 साल तक निवेश कर सकता है। किसी भी परिवार में दो बेटियां हैं तो वह अपनी बेटियों का खाता इस योजना के तहत खुलवा सकता है।

इन्वेस्टिंग एक्सपर्ट के मुताबिक इस योजना में कम से कम 250 रूपए से इस योजना का खाता खुलवाया जा सकता है। इस स्कीम के तहत कम से कम 250 रूपए जमा करवाए जा सकता है और ज्यादा से ज्यादा डेढ़ लाख रूपए तक का निवेश भी किया जा सकता है। इस योजना के तहत साल भर खाते में मनचाही धनराशि जमा की जा सकती है, बशर्ते वह राशि 1.5 लाख रूपए से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए। खाता खोलने के दिन से लेकर 15 साल तक 250 रूपए से लेकर डेढ़ लाख रुपए के बीच इस खाते में पैसा जमा करवाया जाता है। इस योजना में जो ब्याज मिलता है उस पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता है।

जब बेटी 15 वर्ष की हो जाती है या फिर वह 18 वर्ष की हो जाती है तो इस खाते से आंशिक निकासी की जा सकती है। इस योजना की मच्युरिटी डेट 21 साल पर पूरी होती है। इस योजना में जो भी छूट दी जा रही है, वह सेक्शन 80 सी के तहत दी जा रही है। इस योजना में ब्याज से होने वाली आय पर किसी भी प्रकार का टैक्स सरकार द्वारा नहीं लिया जाता है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा लाइ गई योजना है।