Indian Railway News : देश में हर रोज भारी संख्या में लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं। यात्री महीनों में पहले ट्रेन टिकट बुक कर लेते हैं, ताकि कंफर्म टिकट (Confirm Ticket) मिल सके। वहीं कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि टिकट तो कंफर्म हो जाता है, लेकिन यात्री सीट नंबर नहीं अलॉट किया जाता है।
ऐसे में कई यात्री टेंशन में भी आ जाते हैं। आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताने जा रहे हैं। यह जानने के बाद आप रेलवे की तारीफ करते नहीं थकेंगे, तो आइए जानते हैं।
रेल मंत्रालय के मुताबिक, ट्रेन का चार्ट ट्रेन छूटने से चार घंटे पहले तैयार किया जाता है। कई यात्री चार्ट बनने से पहले ही अपना टिकट रद्द कर देते हैं। उनकी सीटें खाली होती हैं। वहीं, हर कोच में इमरजेंसी कोटा तय होता है, जो रेल मंत्रालय द्वारा लगाया जाता है। कई बार इस कोटे के तहत तय आरक्षित सीटें या बर्थ नहीं भर पातीं, खाली रह जाती हैं।
चार्ट तैयार करने से पहले, रेलवे प्रणाली प्रतीक्षा सूची वाले टिकट वाले यात्रियों की प्राथमिकता के अनुसार खाली सीटें या बर्थ आवंटित करती है, जिन्होंने आरक्षण के समय अपनी सीट प्राथमिकता दी है। इसके अलावा, सिस्टम वरिष्ठ नागरिकों या सामान्य महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर निचली सीट आवंटित करता है, भले ही इन लोगों ने आरक्षण करते समय कोई प्राथमिकता नहीं चुनी हो।
इसके अलावा एक पीएनआर में छह लोगों का रिजर्वेशन है, उनमें से तीन का कन्फर्मेशन हो गया है और तीन का वेटिंग हो गया है, ऐसे में सिस्टम उन तीनों वेटिंग वाले यात्रियों को कन्फर्मेशन या उसके आसपास सीट या बर्थ देने की कोशिश करता है। इन सभी कारणों से यात्रियों को वेटिंग लिस्ट कन्फर्म होने के बाद भी सीट या बर्थ नंबर नहीं दिया जाता है।