Indian Railway : ट्रेन में सीनियर सिटीजन को फिर से मिलेगी छूट, जानिए- क्या है सरकार का प्लान….

Senior Citizens : इस समय देश में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा के साथ ही अन्य राजनीतिक दल भी काम पर लगे हुए हैं। सभी राजनीतिक दल नई-नई घोषणा करते हुए लोगों को रिझाने करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच अब कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में एक नया वादा करते हुए देश के बुजुर्गों को अपनी तरफ से आकर्षित करने का काम किया है।

दरअसल, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि अगर वह चुनाव जीत जाती है तो ट्रेन किराये में सीनियर सिटीजंस को मिलने वाली छूट को फिर से लागू कर दिया जाएगा। भाजपा सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान 20 मार्च 2022 को इसे बंद कर दिया था।

आपको बता दें कि भारतीय रेलवे द्वारा सीनियर सिटीजन के साथ 54 श्रेणियों में यात्रियों का 10% से लेकर 100% तक रेल किराये में छूट देती है। लेकिन भाजपा सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान यह सभी प्रकार की रियायत बंद कर दी। समय-समय पर अलग-अलग संगठनों ने रेल किराए में मिलने वाली छूट को फिर से लागू करने की बात भी रखी है। लेकिन सरकार का कहना है कि अभी भी यात्रियों को ट्रेन टिकट पर 53 फीसदी की छूट दी जा रही है।

स्थायी समिति ने दिया था सुझाव

भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेल संबंधी संसद की स्थायी समिति ने मार्च 2023 में संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में वरिष्ठ नागरिकों बिना देरी किए रेल किराये में छूट देने का सुझाव दिया था। लेकिन रेलवे (Railway) ने कोरोना महामारी को देखते हुए यह रियायत बंद कर दी थी। पहले 58 वर्ष की महिला को रेल किराए में 50% की और 60 साल के बुजुर्ग को 40% रियायत दी जाती थी।

अब समिति का कहना है कि रेलवे (Railway) का राजस्व बढ़ चुका है और अब वापस सीनियर सिटीजंस को ट्रेन एसी-3 व स्लीपर श्रेणी में छूट दी जानी चाहिए। इस छूट को समिति ने अगस्त 2022 में भी इसे लागू करने पर विचार करने को कहा था।

किराये में छूट देने की जरूरत

रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष विवेक सहाय ने कहा कि वरिष्ठ जनों को रेल किराये में छूट देने की जरूरत है, लेकिन अगर रेलवे में सभी तरह की छूट दी जाती है तो रेलवे (Railway) को सालाना 1800 करोड़ रुपये की हानि होती है। सामाजिक दायित्व के तहत सरकार को कल्याणकारी योजनाओं के तहत रेल किराये में छूट को लागू करना चाहिए।