अंदर से Rail Cabin होता है इतना गर्म की पक जाए ऑमलेट – जाने भीतर क्या होती है ड्राइवर की दुर्दशा

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Rail Cabin Heat : भारत समय-समय पर रेलवे में कुछ ना कुछ अपडेट आते रहते हैं। आज हम आपको बताने वाले हैं कि उसके ड्राइवर यानी की लोको पायलट की जिंदगी कैसी होती है? दरअसल ट्रेन के ड्राइवर को किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है, आज हम आपको बताएंगे।

आज के टाइम में ब्लू लपट वाली गर्मी चल रही है, ऐसे में आपको नहीं पता होगा की ट्रेन के ड्राइवर को भीतर कितनी ज्यादा गर्मी लगती है ? उससे 20 डिग्री ज्यादा टेंपरेचर ट्रेन के केबिन में होता है। इस कारण जितने भी लोको पायलट हैं, वह बहुत ज्यादा बीमार पड़ते हैं और उन्होंने यह डिमांड रखी है की ट्रेन के केबिन में एक AC लगाया जाए। ट्रेन के केबिन के भीतर तापमान 60 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाती है।

आपको बता दें की केबिन के भीतर 6-6 मोटर लगी होती है। वह मोटर जब चलती है तो बहुत तेज आवाज होती है- ऐसे में रेल के कर्मचारियों को सुनने में भी समस्या हो आती है। बता दें कि रेल चलाने से उनको काफी समस्या होती है जिनके कारण वह काफी परेशान रहते हैं और वह चाहते हैं कि सरकार इस चीज पर गौर करे और समाधान निकाले।

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