Railway : यात्रियों की सुविधा और ट्रेन में रह रही खाली सीटों को भरने के लिए रेलवे (Railway) ने कई नियम बना रखे हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें नियमों के बारे में आज भी पता नहीं है। अगर आप ट्रेन में रोजाना सफर करते हैं तो यह नियम आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते है। हम आज आपको एक ऐसे ही नियम के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी नियमित यात्रा को सरल बना देंगे।
भारतीय रेलवे (Railway) भी लोगों को यात्रा करवाने का काम करती है और उसका मुख्य मुद्दा होता है कि वह खाली सीटों को भरे। इसलिए रेलवे एक परिवहन कंपनी की तरह काम करती है। लेकिन हमारे देश में कहीं ऐसे रेलवे रूट हैं जिन पर एक स्टेशन के बाद अगले बाकी स्टेशन के लिए सभी सीटें खाली रह जाती हैं। इसलिए ट्रेन इन खाली सीटों के साथ ही आगे बढ़ जाती है। लेकिन इन खाली सीटों की वजह से रेलवे को काफी ज्यादा आर्थिक नुकसान भी हो जाता है।
रेलवे (Railway) की तरफ से इन सीटों को भरने के लिए कई तरह के नियम भी बनाए जाते हैं और इनमें से एक है कि आप जनरल टिकट लेकर भी स्लीपर कोच में सफर कर सकते हैं। यह बात आपको सुनने में थोड़ी अजीब लग सकती है लेकिन आपको कोई गलतफहमी ना हो इसलिए हम बता दे कि जनरल टिकट का मतलब उसी जनरल टिकट से है जिससे आप जनरल डिब्बे में यात्रा करते है।
लेकिन इस प्रकार की सुविधा को खास जोन की कुछ खास ट्रेनों में ही मिलेगी। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आप जनरल विंडो टिकट से टिकट लेकर स्लीपर कोच में यात्रा कर सकते हैं जिनमें सीट खाली होगी। इस पर आपसे कोई TTE भी जुर्माना नहीं लेगा।
बिहार के इन स्टेशनों पर है सुविधा
भारतीय रेलवे (Railway) द्वारा जानकारी मिली है कि दिल्ली से दरभंगा के बीच चलने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में आप चाहे तो सोनपुर से दरभंगा के बीच जनरल टिकट से स्लीपर कोच में यात्रा कर सकते है। इसके अलावा दिल्ली से सहरसा के बीच चलने वाली वैशाली एक्सप्रेस में भी सोनपुर से बरौनी के बीच जनरल टिकट से स्लीपर कोच में सफर कर सकते है।
इनके अलावा आपको सप्तक्रांति, ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस, सरयू-यमुना, हावड़ा रक्सौल, मगध एक्सप्रेस, धनबाद-पटना आदि ट्रेनों में भी ये सुविधा मिल जायेगा। लेकिन ध्यान रखें कि जनरल टिकट से स्लीपर कोच में यात्रा करने की सुविधा आपको उत्तर रेलवे ये सुविधा आपको नहीं देती है।