Train चलाने से पहले Loco Pilot का होता है ये टेस्ट, फेल होने पर नहीं चला सकते गाड़ी…

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Loco Pilot Test : भारतीय रेलवे द्वारा हर रोज हजारों ट्रेनों का संचालन किया जाता है. अब हजारों ट्रेन को चलाने के लिए लोको पायलट की नियुक्त की जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोई भी लोकोपायलट जब किसी ट्रेन पर बैठता है.

तो उसे कई खास नियमों का पालन करना होता है. क्योंकि जब एक लोकोपायलट ट्रेन के इंजन में बैठता है तो उसके पीछे लगे 24 डिब्बों की जिम्मेदारी होती है. इसीलिए उसे कई बातों का ध्यान रखना होता है. आइए जानते हैं…

दरअसल, ठंड के महीने में खासकर लोको पायलट को या जिम्मेदारी दी जाती है की ट्रेन के इंजन पर कमांड को पूरी तरह रखा जाए. लेकिन हर समय ट्रेन पर बैठने से पहले लोको पायलट का एक टेस्ट लिया जाता है. जिसमें यह जानकारी साफ हो जाती है कि लोको पायलट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है और तब उसे ट्रेन की इंजन पर बैठने की अनुमति दी जाती है. तो आइए जानते की लोको पायलट को किस टेस्ट से गुजरना होता है?

देना होता है ये टेस्ट

बता दें कि, हर लोको पायलट को ब्रेथ एनालाइजर जांच से गुजरना होता है. लोको पायलट की इस जांच में यह देखा जाता है कि ड्राइवर कहीं ड्रिंक तो नहीं किया है. अगर ड्रिंक कर रखा है तो उसे ड्यूटी पर नहीं जाने दिया जाता है. इसके अलावा अगर ड्राइवर 8 घंटे पहले भी ड्रिंक किया है तो भी इस जांच में गलत पाया जाता है. हालांकि, ट्रेन में बैठने से पहले ही नहीं बल्कि उतरने के बाद भी लोको पायलट का टेस्ट लिया जाता है.

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विवेक यादव डिजिटल मीडिया में पिछले 2 सालों से काम कर रहे हैं. thebegusarai में विवेक बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं. इससे पहले 'एमपी तेजखबर' के साथ इन्होंने अपनी पारी खेली है. विवेक ऑटो, टेक, बिजनेस, नॉलेज जैसे सेक्शन में लिखने में इनकी विशेष रुचि है. इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई की है। काम के अलावा विवेक को किताबें पढ़ना, लिखना और नई जानकारी जुटना काफी अच्छा लगता है।
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