Railway : आप भी रेलवे (Railway) से सफर करते रहते होंगे और ठीक उसी तरह हर रोज करोड़ो यात्री रेलवे से सफर करते हैं। लेकिन बिना टिकट के ट्रेन में सफर करने पर आपके ऊपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर आप ट्रेन में बिना टिकट के पाए जाते हैं तो आपको जेल भी भेजा जा सकता है।
हालांकि आप सभी को पता होगा कि ट्रेन में हमारी टिकट TTE चेक करता है। लेकिन जब हम अपनी यात्रा पूरी कर लेते है तो प्लेटफार्म पर भी हमारा टिकट चेक किया जाता है। लेकिन जब TTE ट्रेन के अंदर होता है तो प्लेटफार्म पर हमारा टिकट कौन चेक करता है? कुछ लोग तो उसे भी TTE मान लेते है जो सही नहीं है।
जब हम ट्रेन में सफर कर रहे हैं तो हमारी टिकट चेक करने का काम TTE का होता है लेकिन जब हम रेलवे प्लेटफार्म पर घूम रहे हैं तो हमारी टिकट चेक करने का काम TC का होता है। अब आप सोच रहे होंगे कि दोनों ही लोग टिकट चेक करते हैं लेकिन एक ट्रेन के अंदर और दूसरा रेलवे प्लेटफार्म पर तो उनके नाम अलग क्यों है? आइये जानते है ऐसा क्यों है?
कौन होता है TTE?
हमारे देश में हर रोज करोड़ यात्री रेलवे (Railway) से सफर करते हैं और हर ट्रेन में लोग टिकट लेकर ही सफर करें, यह जरूरी नहीं है। कुछ लोग ऐसे भी है जो बिना टिकट के ही ट्रेन में चढ़ जाते हैं और ऐसे लोगों की टिकट चेक करने के लिए ट्रेन के अंदर TTE (Train Ticket Examiner) को लगाया जाता है।
TTE ट्रेन के अंदर आपकी टिकट चेक करने का काम करता है।इसलिए जब कोई ट्रेन चलती है तो उस ट्रेन में TTE भी मौजूद रहते है। अगर कोई व्यक्ति ट्रेन में बिना टिकट के सफर करता हुआ पाया जाता है तो TTE (Train Ticket Examiner) उसे पकड़कर उस पर जुर्माना लगाते है और उसे जेल भी भेज सकते है। लेकिन रेलवे (Railway) के नियम अनुसार रात के 10 बजे बाद TTE आपकी टिकट चेक नहीं कर सकता है।
कौन होता है TC
आपको बता दें कि TTE और TC में काफी अंतर होता है। आप जब ट्रेन में सफर करते है तो स्टेशन पर उतरने के बाद प्लेटफार्म पर जो आपकी टिकट चेक करता है वह TC (Ticket Cheker) होता है। ट्रेन में कई लोग बिना टिकट यात्रा करते है और भाग्य से वे TTE की नजरों से बच जाते है। ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए प्लेटफार्म पर TC यानी टिकट चेकर लगाया जाता है। अगर आप बिना टिकट के पाए जाते है तो वह आपको पकड़ कर आपके ऊपर फाइन लगा सकता है और जेल भी भेज सकता है।