Metro News: क्या आपने कभी मेट्रो में सफर करते वक्त सोचा है कि मेट्रो हमें जब हमारे स्टेशन पर छोड़कर आगे बढ़ती है, तो कहां जाती है? तो आपके मन में अगर ये सवाल उठता है कि मेट्रो में क्या होता है, तो हम आपको बता दें कि रात के 11 से सुबह 6 बजे तक का समय मेट्रो के लिए व्यस्तम समय होता है।
DMRC इस खास समय में अलग अलग विभागों के सहयोग से मेंटेनेंस का जो भी बड़ा काम होता है, वो किया जाता है और आप ये ना समझें की ये डेली मेंटेनेंस का काम है, नहीं बल्कि ये एक ऐसा टाइम पीरियड होता है, इसे मेगा ब्लॉक कहते हैं और इस समय में रेल नेटवर्क पूरी तरह से बंद रहता है.
उसके बाद ये काम किया जाता है और ये एक बड़ी वजह भी है जिससे रात को मेट्रो नहीं चलाई जाती। कुछ समय पहले ये मांग उठाई भी गई थी की मेट्रो को रात में भी चलाया जाए, तब DMRC ने यही कहा था कि यदि हम रात को भी मेट्रो चलाएंगे तो उसका रखरखाव का काम कब पूरा कर पाएंगे?
कैसे होती है मेगा ब्लॉक की तैयारी?
DMRC डायरेक्टर के अनुसार, इस ब्लॉक की तैयारी पहले से ही कर ली जाती है और एडवांस में ही मैटेरियल वगैरह पहुंचा दिया जाता है, ताकि समय की बचत हो सके, तो इसकी तैयारी 7-10 दिन पूर्व ही कर ली जाती है क्योंकि पूरे रूट को बंद करना बार बार संभव नहीं होता है।
इसके साथ ही कोशिश ये की जाती है की इसके मेंटेनेंस में कोई भी चूक ना हो पाए क्योंकि ट्रायल और सुधार के लिए सिर्फ यही रात का समय होता है इसमें ही सारे काम पूरे करने होते हैं।क्यों होती है आवयश्कता?आपके मन में ये विचार तो उठ रहा होगा कि भला क्या वजह रहती है इस तरह से मेगा ब्लॉक की तो आपको बता दें कि लगातार ट्रैक पर मेट्रो दोड़ने से पटरियों में घर्षण होता है और उन्हें समय समय पर रख रखाव की जरूरत पड़ती है।
इन ट्रैक्स को समय समय पर दाएं से बाएं और बाएं से दाएं किया जाता है और इन्हें बदला भी जाता है। पॉइंट्स ऑफ क्रॉसिंग पर इनकी मरम्मत भी की जाती है और इसीलिए इस मेगा ब्लॉक की जरूरत पड़ती है।रेलवे कर्मचारी छुट्टियों में भी करते हैं कामरेलवे कर्मचारियों के पास छुट्टी के दिन भी काम होता है। सारे अंडर ग्राउंड काम जैसे टनल में बूस्टर या फैन लगना ये सारे ही काम रेलवे कर्मचारी छुट्टी के दिन करते हैं।