Nepal Earthquake : बीती रात शुक्रवार को आए भूकंप ने एक बार फिर दिल्ली एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत को कांपने पर मजबूर कर दिया। इस बार भी भूकंप का केंद्र नेपाल ही था। नेपाल के जाजरकोट का लामिडांडा इलाका भूकंप का केंद्र है। इस इलाके में भूकंप से भारी नुकसान हुआ है।
इससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए इनमें से 60 लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों लोग घायल हो गए। कई इमारतें मिट्टी में तब्दील हो गईं। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि हर बार भूकंप का केंद्र नेपाली क्यों होता है? इस भूकंप से क्यों कांपते हैं भारत के कई राज्य? आइये इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
दरअसल, नेपाल दुनिया के उस खतरनाक जोन में है, जिसे सबसे सक्रिय टेक्टोनिक जोन कहा जाता है। इस हिस्से में कई बार भूकंपीय गतिविधि दर्ज की गई है। यही कारण है कि यह भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए सबसे अधिक जोखिम वाला क्षेत्र है। नेपाल में हालात बिगड़ने पर समय-समय पर अलर्ट जारी किया जाता है और कई रिपोर्ट्स में इसे जोखिम क्षेत्र बताया गया है।
नेपाल के 22 जिले जोखिम क्षेत्र में
आईआईटी कानपुर की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल के 22 जिले भूकंप के सबसे ज्यादा खतरे वाले जोन में हैं। इसमें बझांग जिला भी शामिल है। नेपाल के इस जिले के आसपास के इलाके में खतरे की घंटी है। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक कई बार ऐसा हुआ है कि यहां आए भूकंप का असर उत्तर भारत तक महसूस हुआ है। हालांकि अभी तक कोई बड़ा असर देखने को नहीं मिला है। कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन भौगोलिक स्थिति के कारण उत्तर भारत वहां आने वाले भूकंपों से अछूता नहीं रहा है।