अधिकारियों को अब आएगी राष्ट्रपिता की याद

डेस्क : भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। इन्होंने आजादी में अपनी अहम भूमिका निभाई। 4 जून 1944 को सुभाष चंद्र बोस ने बापू के लिए एक संदेश रेडियो के माध्यम से प्रसारित किया था, जिसमें उन्हें राष्ट्रपिता कहा और उसके बाद भारत सरकार ने भी इस नाम की मान्यता दे दी। उसके बाद हम भारतीय ने भी उन्हें प्यार से बापू कहना शुरू कर दिया । उनके जन्मदिन के मौके पर प्रत्येक वर्ष गांधी जयंती के रूप में बड़े ही धूमधाम तथा श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है ।

दुख की बात यह है कि हम सिर्फ उन्हें उनके जन्मदिन पर ही याद करते हैं या उनका देखरेख करते हैं। आपको बता दें कि अनुमंडल मुख्यालय स्थित मंझौल सत्यारा चौक पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का एक स्मारक बनाया गया है। जिसको प्रत्येक वर्ष गांधी जयंती पर साफ सफाई करके अधिकारियों के द्वारा उन पर माल्यार्पण किया जाता है , लेकिन यह सिर्फ उनके जन्मदिन पर ही होता है बाकी दिन बापू दिखते भी नहीं है।

आखिर क्यों नहीं दिखते ‘बापू’ बता दें कि मंझौल में जाम तो आम बात है । जिसपर किसी भी पदाधिकारियों का नजर नहीं जाता है और अगर नजर भी जाता है तो उसे अनदेखा कर दिया जाता है। लेकिन शर्म की बात तो यह है कि जिस गर्व से अधिकारियों के द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जयंती पर उन्हें माल्यार्पण करने के लिए मंझौल सत्यारा चौक स्थित उनके स्मारक की सफाई किया जाता है । वह महज एक दिखावा होता है क्योंकि बाकी दिन तो हम बापू को अतिक्रमण से घेर लिया जाता है । उतना ही नहीं उनके स्मारक की दीवार महज एक पेशाबखाना के रूप में उपयोग किया जाता है । इस पेशाबखाने पर आम नागरिकों की तो बात दूर है , अधिकारियों की भी नजर नहीं जाती है ।

कहा जाता है कि मंझौल की धरती पर बहुत से वीर सपूत पैदा लिए , जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का आहुति तक दे दी , लेकिन एक वीरपुरुष के स्मारक को पेशाबखाने के रूप में उपयोग करना , यह कहीं ना कहीं अधिकारियों की बापू के प्रति श्रद्धा पर सवाल उत्पन्न कर देती है। इतना ही नहीं लगभग 2 माह से किसी अवैध वाहन की टक्कर के कारण बापू के स्मारक का गोलंबर टूट गया । जो कि महज टूटता ही चला जा रहा है । यहां पर कितने अधिकारी, नेता, जनप्रतिनिधि आए, उस जगह रुके भी , लेकर उन्हें बापू के टूटे हुए स्मारक तथा अतिक्रमण नजर तक नहीं आए । आखिर इसकी क्या वजह हो सकती है। इस पर आम जनता सवाल पूछ रही है।