शराब माफिया से मिली भगत के आरोप में निलंबन से पहले तक विवादास्पद कार्यकाल के धनी बने रहे मंझौल थानेदार

मंझौल / बेगूसराय : अनुमंडल मुख्यालय के मंझौल सहायक थाना के थानेदार सुबोध कुमार व एक दरोगा सुरेश कुमार के निलंबन से ओपी क्षेत्र में अमन पसंद व शांतिप्रिय नागरिकों के बीच व्यापक चर्चा का विषय बना हुआ है । बताते चलें कि घटनाक्रम के लिहाज से विगत कुछ महीने से मंझौल ओपी क्षेत्र में लॉ इन ऑर्डर एकदम ढीली पड़ने लगी थी। जिसके फलस्वरुप मोटरसाइकिल चोरी, दुकान में चोरी , स्कूल में चोरी , गोलीकांड , हत्याकांड सहित एक के बाद एक कई कांड हुए। परन्तु एक दो मामलों को छोड़ दिया जाय तो अधिकांश कांड के अभियुक्त पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं।

हाल के दिनों में हुए एक चर्चित हत्याकांड में तो आक्रोशित लोगों ने थाना पर पथराव व पुलिस बल पर हमला तक कर दिया । जिसके बाद वरीय अधिकारियों व भारी पुलिस बल के आने के बाद ओपी क्षेत्र में बबाल शांत हो पाया । हाल ही में आये मंझौल डीएसपी सत्येंद्र कुमार सिंह व सर्किल इंस्पेक्टर दीपक कुमार के आने के बाद वरीय अधिकारी के लगातार मॉनिटरिंग के बाद भी ओपी अध्यक्ष के कार्यशैली में कोई भी बदलाव नहीं आया । कानून प्रिय लोगों के बीच ओपी अध्यक्ष विवादास्पद कार्यकाल के धनी पुलिस अधिकारी बने रहे । सूत्र बताते हैं कि इनके कार्यकाल में शराब माफियाओं ने ओपी क्षेत्र में खूब चांदी काटी । उक्त ओपी अध्यक्ष ने मंझौल ओपी जॉइन करने के कुछ समय बाद ही एक के बाद एक बड़ी कार्यवाही करते हुए । भारी मात्रा में अवैध शराब के कई खेप पकड़ने में सफलता पाई थी। जिसके बाद निलंबन के कुछ दिनों पहले वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर एक ट्रक में शराब की बड़ी खेप पकड़ी थी । इन दोनों कार्रवाई के बीच इन्होंने अपने कार्यकाल के बीच में एक भी शराब की बड़ी खेप को पकड़ने में सफलता नहीं पा सके ।

पुलिस सूत्र बताते हैं कि लगातार महुआ कारोबारियों को जितना गिरफ्तार कर सके उसमें से अधिकांश को किसी न किसी बहाने से निर्दोष बताकर छोड़ते रहे । जिसके फलस्वरूप इस बीच निर्बाध रूप से अवैध कारोबार इनके संरक्षण में चलता रहा। इतना ही नहीं कई अन्य मामलों में भी इनकी कार्यशैली विवादित बनी हुई रही । कुछ माह पूर्व स्थानीय जिला पार्षद ने भी अपने पुत्र को आर्म्स एक्ट में साजिश के तहत फसाकर जेल भेजने का आरोप लगाकर इसकी जांच के लिए वरीय अधिकारियों को आवेदन दिया था । हलांकि अभी इस मामले की जांच पेंडिंग में है।

परंतु शराब कारोबारी को छोड़े जाने के एक नये मामले में एसपी अवकाश कुमार के द्वारा सस्पेंशन ऑर्डर के बाद ओपी क्षेत्र में अमन पसंद व कानून पसंद लोगों ने राहत की सांस ली है। वही ग्रामीणों में नए ओपीध्यक्ष के आने के बाद ओपी क्षेत्र में लॉ इन ऑर्डर व्यवस्था बहाल करने की आस जग गई है।