डीएम ने किया कटाव स्थलों का निरीक्षण, 24 घंटे के अंदर कटाव स्थल पर कटाव निरोधात्मक कार्य करने का दिया निर्देश

खोदावंदपुर : बेगूसराय डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने सोमवार की शाम बूढ़ीगंडक नदी व तटबंध का निरीक्षण किया. रविवार को बीती रात से ही खोदावंदपुर प्रखंड के मेघौल पंचायत के बिदुलिया गांव के समीप बूढ़ीगंडक नदी के तटबंध में भयंकर कटाव हो रहा है. अबतक लगभग नौ फीट की लंबाई में बांध कटकर नदी में विलीन हो चुका है. तथा तेज कटाव जारी है. बांध में हो रहे तेज कटाव से ग्रामीणों में दहशत बना हुआ है. तटबंध की दहशत से ग्रामीणों ने इसकी सूचना बाढ़ प्रमंडल रोसड़ा के पदाधिकारियों एवं स्थानीय प्रशासन के साथ डीएम को भी जानकारी दी गयी. जानकारी मिलते ही डीएम ने सोमवार की शाम बिदुलिया तटबंध का निरीक्षण किया.

ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने डीएम को बताई सारी बात. इस मौके पर मेघौल पंचायत के मुखिया पुरुषोत्तम सिंह, पैक्स अध्यक्ष कृष्ण नारायण सिंह, व्यापार मंडल अध्यक्ष अवनीश कुमार वर्मा, पूर्व पंसस अश्विनी प्रसाद सिंह, बिदुलिया ठाकुरबाड़ी के महंत कन्हैया दास, गुलशन ठाकुर, अजीत कुमार, नीरज कुमार, धीरज पराशर सहित ग्रामीणों ने डीएम को बताया कि 2007 में ही यहां का मूल बांध नदी के गर्भ में विलीन हो गया. वर्तमान में बना हुआ बांध 2007 का है. जो विशुद्ध बालू का ढेर है, जो काफी कमजोर है. नदी का पानी खतरा के निशान से लगभग दो मीटर अधिक बह रहा है. जिससे खतरा बढ़ गया है. बांध में तेज कटाव हो रहा है.लोग भयभीत हैं.ग्रामीणों ने डीएम को बताया कि वर्तमान में रात से जो कार्य हो रहा है. उसमें एनसी बैंग क्रेटिंन तथा रीभर साइड में बांध पर प्लास्टिक बिछाकर मिट्टी भरी बोड़ी से पिचिंग किया जाता है. जो तेज कटाव को रोकने में नाकाफी है. ग्रामीणों ने डीएम ने कटाव वाले स्थलों पर बांस बल्ला का पिचिंग कर धार को कमजोर करने के लिए इस काम को कराने का आग्रह है.

डीएम ने 24 घंटे के अंदर बिदुलिया कटाव स्थल पर कटाव निरोधात्मक कार्य करने का निर्देश दिया डीएम ने वहां मौजूद कार्यपालक अभियंता से तकनीकी जानकारी प्राप्त किया. कार्यपालक अभियंता ने डीएम को बताया कि बांध के नीचे एनसी बैंग क्रेटिंन एवं प्लास्टिक बैंग पीचिंग से तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित रह सकता है. बिदुलिया के समीप पूर्व से बांध पर रीभर साइड में पानी के सतह तक बोल्डर पीचिंग किया हुआ है. जिसके कारण बांस बल्ला का पायलिंग करने में कठिनाई होगा. बावजूद सर का आदेश है तो पहले इस कार्य को देख लेते हैं. यदि कटाव नहीं रूका तो बांस बल्ला का काम भी किया जायेगा. डीएम ने 24 घंटे के अंदर बिदुलिया कटाव स्थल पर कटाव निरोधात्मक कार्य करने का निर्देश दिया. साथ ही तकनीकी पदाधिकारियों एवं ठिकेदार को 24 घंटे कैंप करने का आदेश दिया.

कई जगहों पर डीएम ने किया निरीक्षण डीएम ने बरियारपुर पश्चिमी एवं फफौत गांव के समीप बांध में हो रहे कटाव स्थल का निरीक्षण किया. मिर्जापुर व बरियारपुर पश्चिमी में ग्रामीणों ने डीएम को बताया कि नदी के बाहर साइड सीपेज वाले जगहों से सीपेज रोकने के लिए मिट्टी भरे बोरा से पीचिंग किया गया था.उक्त बोरा को ठिकेदार एवं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के पदाधिकारियों की मिली भगत से वहां से उठाकर दूसरे जगहों पर ले जा रहे हैं. ऐसा देख डीएम ने सख्त एतराज जताया तथा कार्यपालक अभियंता को इस पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश दिया. डीएम ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि डरने का कोई जरूरत नहीं है. जिला प्रशासन आपके साथ है.तटबंध को हरसंभव सुरक्षित रखा जायेगा.

बिदुलिया बांध पर मेला सा दृश्य बिदुलिया कटाव स्थल के समीप कटाव को देखने अनवरत स्थानीय एवं आस पड़ोस के लोग बांध देखने लगातार आ जा रहे हैं. जिससे मेला जैसा नजर दिख रहा है. स्थानीय युवक कटाव निरोधी कार्य में भरपूर सहयोग कर रहे हैं. कटाव स्थल पर लोकल मिट्टी, बालू का ट्रेक्टर के माध्यम से संग्रह करने तथा बोरा में मिट्टी भरने, एनसी क्रेटिंन का कार्य में सैकड़ों मजदूर लगे हुए हैं. खोदावंदपुर क्षेत्र के विभिन्न संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण करने के बाद डीएम ने बगरस गांव की ओर प्रस्थान कर गये. इस मौके पर खोदबन्दपुर प्रखण्ड अंचल , मंझौल अनुमंडल एव रोसड़ा बाढ़ प्रमंडल के कई अधिकारी मौजूद रहे ।