जयमंगला गढ़ मंदिर परिसर विकास से है कोसों दूर, जर्जर सड़क सहित मूलभूत सुविधाएं भी नहीं

मंझौल : बेगूसराय जिले के मंझौल अनुमंडल मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित जयमंगलागढ़ मंदिर परिसर का विकास पक्षी आश्रनी क्षेत्र की अधिसूचना में शामिल होने बाद से पूर्णतः अवरुद्ध है। मंदिर परिसर का हाल देखकर लगता है कि सालों से कोई भी नेता या अफसर की नजरें इधर नहीं घूमी हो, कहा जाता है कि जयमंगला गढ़ परिसर अध्यात्म और हिन्दू धर्म पौराणिक मान्यताओं की भूमि है, 52 शक्तिपीठों में माता जयमंगला मंदिर का भी स्थान है।

Jamangla Gadh Manjhaul

इस मंदिर में माता जयमंगला की पूजा होती है, मंदिर परिसर में आधे दर्जन देवी देवताओं की भी मंदिर है, जानकारों की माने तो बेगूसराय जिले के स्थानीय देवी की मान्यता यहां की जनता में है, जिससे यहाँ सालों भर बेगूसराय सहित मिथिलांचल, बिहार और देश के अन्य राज्यों से सालो भर के लाखों श्रद्धालू पूजा करने आते हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन हजारों स्थानीय लोग महिला पुरुष पैदल पूरा करने के लिये जयमंगला गढ़ जाते हैं।

3 किलोमीटर जर्जर सड़क से होकर लाखों श्रद्धालु जाते हैं पूजा करने nमंझौल गढ़पुरा पथ से मंदिर पर तक जाने बाली 3 किमी की मुख्य सड़क जर्जर होने और इस बीच एक भी यात्री शेड न होने के वजह से श्रद्धालुओं, सैलानियों और क्षेत्र के नागरिकों को हर रोज टूटे हुए सरक पर उड़ती हुई धूलों के बीच परेशानियों से दो चार होना पर रहा है। 8 साल पहले निर्मित यह सड़क मरम्मती के अभाव में धीरे धीरे जर्जर होता चला गया। ग्रामीण पथ निर्माण प्रमंडल मंझौल के कनीय अभियंता संदीप कुमार ने बताया था कि मार्च 2020 शुरू होने के बाद निर्माण कार्य प्रारम्भ हो जायेगा, लेकिन विभागीय उदासिनता से अब तक कोई भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र होने के वावजूद नहीं हो पाया सर्वांगीन विकास बताते चलें कि मंदिर कावर झील पक्षी बिहार के मध्य में स्थित होने के कारण यहां देश विदेश के भी श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।मंगलवार को पूजा करने आये पहसारा निवासी छात्र नेता शिवम वत्स ने बताया कि बेगूसराय जिले के महत्वपूर्ण धरोहर और धार्मिक स्थल होने के बावजूद भी इस जगह का अभी तक समुचित विकास ना हो पाना बिहार सरकार के मनोदशा पर गम्भीर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव होने से लोगों में इस बात को लेकर सरकार के प्रति काफी रोष है।

जयमंगला गढ़ मंदिर परिसर का जल्द से जल्द हो सर्वांगीन विकास स्थानीय अधिवक्ता विकाश कुमार सिंह ने बताया कि बेगूसराय जिला के ओडीएफ घोषित हुए महीनों बीत चुके हैं लेकिन मंदिर परिसर में एक भी शौचालय नहीं है फलस्वरूप दूर दराज से आने बाले लोग जंगल में यत्र तत्र शौच करने को विवश हैं और प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है। अधिवक्ता विजय किशोर झा, आदर्श भारती, अंकुर कुमार, अनिकेत सिंह, रविन्द्र कुमार, बिहार सरकार से मांग किया है कि जल्द से जल्द जयमंगला गढ़ स्थल को पक्षी आश्रनी क्षेत्र की अधिसूचना से मुक्त कर मंदिर परिसर ने स्वच्छ पेयजल, शौचालय, सामुदायिक भवन, गाड़ी पार्किंग की व्यवस्था की जाय जिससे इस धार्मिक स्थल का सर्वांगीण विकास हो सके।