बूढ़ी गंडक में बढ़ते जलस्तर से डूब गयी फसलें, तटबंध में सटा पानी तो पशुचारा पर मंडराया संकट

मंझौल ( बेगूसराय ) : बुधवार दोपहर से हुई जोरदार बारिश से नदी में उफान मचा हुआ है। लगातार हो रहे बारिश के कारण कोरोना से जारी जंग के बीच अब बाढ़ के पानी से भी लोगों को दो चार होना पड़ेगा । मंझौल अनुमंडल के दक्षिणी सीमा में बहने बाली बूढ़ी गंडक नदी में बढ़ते जल स्तर से अनुमंडल क्षेत्र के लोग भयाक्रांत हैं।

दियारा क्षेत्र में लगी हुई दलहन, सब्जी , मक्का , सुजान आदि फसलें डूब गई है। जिसके बाद से किसानों के ऊपर मवेशियों के चारा को लेकर बड़ी सकंट सामने आ गयी है। हालांकि पानी के बीच अभी भी किसान खतरों से खेलकर खेत जाने में लगे हुए फसल को काटकर जमा करने में लगे हुए हैं। लेकिन हालिया रफ्तार को देखते हुए दो दिनों के अंदर लगी हुई फसल पूर्णतः नदी के आगोश में समा जाएगी । बाढ़ नियंत्रण विभाग जेई राजीव कुमार ने बताया लगातार बांध का निरीक्षण जारी है। चिन्हित जगहों पर नजर बनी हुई है। बसौना घाट से लेकर सिवरी तक करीब आधा दर्जन जगहों पर रेन कटर बने होने के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया बारिश होने से बन रहे हैं उसको दुरुस्त करने का काम जारी है। वहीं प्रसासनिक स्तर से बांध के रखरखाव के कारण जलस्तर बढ़ने से अतिक्रमित बांध का नजारा भयावह लग रहा है।

पानी के बढ़ते जलस्तर से तटबंध तक आया पानी अधिकांश जगह तटबन्ध के समीप नदी का पानी पहुच गया है, बसौना मोर, पबरा, सिवरी,माहिसवारा के अधिकांश किसानों का खेती नदी के दियारा बाले भूभाग में है। इस बार शरुआती बारिश के कारण फसल समय से पहले बुआई किये थे । तो अभीतक कुछ हाथ भी लग सका अन्यथा हर साल बारिश लेट होने के कारण लेट बुआई होती थी और पानी आने तक थोड़ा बहुत फसल ही हाथ आ पाता था। मक्के की फसल जो पानी आने पर दाना उपजाते उसको अभी मवेशी के चारा के लिए काट रहे हैं।

किसान राहुल कुमार , पिंटू कुमार ,जगदीश तांती, प्रमोद तांती , रामनरेश महतो , उदगार सहनी बटाईदार किसान हैं उन्होंने बताया कि खेतों में घास लगाए थे मवेशी के चारा के लिए लेकिन पानी बढ़ने से आधा खेत डूब चुका है बचे हुए फसल को काट रहे हैं। कहते हैं कि कम समय मे जितना ज्यादा काट कर स्टॉक कर लेंगे वही हाथ आयेगा , वहीं सैकड़ों किसान विगत रविवार से ही आपाधापी करते हुए ज्यादा से ज्यादा घास काटने पर लगे हुए हैं जो अभी तक जारी है।