जर्जर है जयमंगला गढ़ कावर जाने वाली सड़क बना चुनावी मुद्दा, लोग बोले सिर्फ वादे करते हैं प्रत्याशी

डेस्क : विश्व प्रसिद्ध काबर झील पक्षी विहार और जयमंगला गढ़ जानेवाली सड़क पिछले 10 बरसों से जर्जर बनी है‌। चेरियाबरियारपुर विधानसभा क्षेत्र में आने वाली यह सड़क इलाके के लोगों के लिए आगामी चुनाव में चुनावी मुद्दा बन सकता है‌। लगभग डेढ़ किलोमीटर की इस सड़क में जगह जगह गड्ढे बने हैं। अधिकांश जगह रोड के रोड़े उखडकर सड़क पर आ गए हैं। इस वजह से वहां खाई बन गई है। सड़क जर्जर होने से आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इन सड़कों में आए दिन छोटे बड़े हादसे होते रहते हैं परंतु उक्त सड़क पर न तो विधायक, सांसद और न ही प्रशासन को ख्याल है। ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधि सिर्फ विकास के दावे करते हैं जबकि क्षेत्र की हालत कुछ और है।

छोटे वाहनों से ज्यादा तर लोग दूर दूर से जयमंगला देवी का दर्शन करने इसी सड़क से आते हैं। उन्हें गाडियां लेकर जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। टायर पंक्चर हो जाने और गाड़ियों के पार्ट्स टूटने से इस सुनसान सड़क पर लोग परेशान हो जाते हैं। मुख्य मार्ग मंझौल हसनपुर से जयमंगला गढ़ मोड़ से लेकर गढ़ तक सड़क की जर्जरता इसकी उपेक्षा की कहानी कह रहे हैं। इसी सड़क से प्रतिवर्ष लाखों लोग प्रसिद्ध ऐतिहासिक, धार्मिक,और पुरातात्विक स्थल जयमंगला गढ जाते हैं। हर शनिवार और मंगलवार को यहां मेला लगता है और लोग जयमंगला माता मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं। इसी तरह विश्व प्रसिद्ध काबर झील पक्षी विहार आने-जाने का एकमात्र रास्ता हैं। जहां हजारों पर्यटक,स्कूली छात्र, अध्येता प्रति वर्ष पहुंचते हैं। जिन्हें इस जर्जर सड़क पर से होकर काबर झील और जयमंगलागढ़ जाना पड़ता है।

इसी सड़क से काबर झील में मछली पकड़ने के लिए मछुआरों का आवागमन होता है। इसके अलावे हजारों किसान प्रतिदिन खेती के लिए काबर टाल क्षेत्र इसी सड़क होकर आते जाते हैं। उनके कृषि उत्पाद इसी सड़क होकर खेत और बाजार तक पहुंचते हैं। खासकर यह गन्ना उत्पादन क्षेत्र है। गन्ना के किसान इसी सड़क से काबर में उत्पादित गन्ना हसनपुर चीनी मिल तक पहुंचाते हैं।

इस गढ़ पर लगभग एक हजार से ज्यादा महादलित मुसहर लोग बंसे हैं। जिनके आवागमन का यह मुख्य मार्ग है। गढ़ के बाशिंदे और पूर्व पंचायत समिति सदस्य नरेश सदा बताते हैं कि बार बार इस महत्वपूर्ण सड़क के नवनिर्माण की मांग को लेकर स्थानीय विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि का ध्यान आकृष्ट कराया गया ‌लेकिन,दस वर्षों से किसी जनप्रतिनिधि ने इसपर ध्यान नहीं दिया। यह सड़क टूटती रही। लोग परेशान होते रहे। स्थानीय विधायक और अधिकारियों की नींद इस सड़क को लेकर नहीं टूटी। इन बरसों में इस सड़क से होकर बड़े बड़े नेता, अधिकारी,सांसद, विधायक, मंत्री सभी जयमंगलागढ़ आए। किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया। सड़क बरसों बरस से जर्जर होती गयी। सभी देखते रहे।

यहां के विधायक नीतीश सरकार में मंत्री भी बनी।सुशासन की सरकार में भी यह सड़क नहीं बन सकी। अब विधानसभा चुनाव सामने है। यह सड़क इलाके के लोगों की प्रतिष्ठा से जुड़ी है। जयमंगला स्थान से इलाके के लोगों की आस्था जुड़ी है। वे इस सड़क पर चलते और जर्जरता को देखते प्रतिनिधि को कोसते रहते हैं।इस बार के चुनाव में यह सड़क चेरियाबरियारपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी मुद्दा बना रहेगा।