बेगूसराय के मंझौल में सड़कों पर बह रहा है विकास, एक बार आकर जरूर देखें

मंझौल / घनश्याम देव : अगर आपको सचमुच विकास देखना है तो बेगूसराय के मंझौल आयें । समय की किल्लत और मौसम का तकाजा तो होगी ही , लेकिन अगर आप सचमुच विकासवादी सोच के पक्षधर इंसान हैं तो मंझौल में जो विकास का मॉडल सड़क पर है वो आकर जरूर देखें और समझें कि विकास क्या है . मानसून के आगमन से लगातार हो रहे बारिश में अनुमंडल मुख्यालय मंझौल में इन दिनों विकास सड़कों पर बहता दिखाई पर रहा है।

दरअसल मंझौल में एस एच 55 सहित मुख्य बाजार की सड़क , पुस्तकालय चौक से संगत चौक, नित्यानंद चौक से खुटन,नित्यानन्द चौक से पंचमहला,एस एच से पबरा, सिवरी बहियार जाने बाली कई मुख्य सड़कों पर पानी जमा हो गया है। ये कोई नयी बात नहीं है कि इस साल बारिश में पानी जम गया हो। कई जगहों पर तो सालों भर कीचड़मय माहौल बना रहता है। जिससे गन्दगी और दुर्गंध भी फैल जाता है।इसको लेकर आम जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है। जलनिकासी नहीं होने के वजह से पानी सूखने में लगभग चार पाँच दिन का समय लग जाता है। तबतक गन्दे जमे पानी में आवाजाही करने को लोग विवश रहते हैं। जिससे क्षेत्र के अधिकाशं मोहल्ले की जनता को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

अनुमंडल बनने के 30 साल तक है विकास से महरूम इन सभी समस्याओं का मुख्य वजह यह है कि मंझौल और पबरा की आबादी लगभग एक लाख के करीब होने के बाद भी नगर निकाय ना बनना इसका मुख्य कारण है। 1990 में अनुमंडल बनने के लगभग 30 साल होने पर भी मंझौल विकास से महरूम है। सरकार के द्वारा ससमय नगर निकाय बना दिया जाता तो आज ऐसी समस्यायें उतपन्न नहीं होती , समय से नाला का समुचित उड़ाही हो पाता, साफ सफाई की मुक्कलमल व्यवस्था हो जाती और अगर बारिश में सड़कों पर झील बन भी जाता तो जलनिकासी हो जाता।

बीडीओ चेरियाबरियारपुर कर्पूरी ठाकुर ने बताया कि जलजमाव का मुख्य वजह होता है कि नाला में गाद जमा हो जाता है, पंचायत के प्रतिनिधि के द्वारा नाला की उड़ाही करवाने का प्रावधान है। इस मद में खर्च होने बाली राशि का उपयोग पंचम वित्त आ. से किया जाएगा।