बेगूसराय में 13 साल से छठ कर रही हैं मुस्लिम महिला जमीला खातून, बोलीं- छठी मैया ने विपत्ति से दिलाया था छुटकारा

छौड़ाही / बेगूसराय : बेगूसराय में लोकआस्था का छठ पूजा से जुड़ी है बहुत ही सुंदर और प्रशंसनीय तस्वीर सामने आई है। छठ पूजा को आस्था का महापर्व यूं हीं नहीं कहा जाता है। मनोकामना पूर्ति के बाद लगातार 13 वर्ष से नियम निष्ठा के साथ छठ पूजा कर रही छौड़़ाही प्रखंड क्षेत्र के सिहमा निवासी जमीला खातून आस्था के महापर्व के आस्था और विश्वास के साथ सौहार्द का जीवंत उदाहरण हैं। जहां लगातार 13 वर्षों से इस्लाम धर्म की एक महिला छठ व्रत करती हैं। बताते चलें कि नहाय खाय के साथ हीं आस्था का महापर्व छठ पूजा प्रारंभ हो गया है।

छठी मैया ने विपत्ति से छुटकारा दिलाया तो लगातार कर रहे हैं पर्व आस्था और विश्वास हो तो पत्थर भी देवता हैं। विश्वास से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नहीं है। छठी मैया ने हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी की हैं। परिवार को विपत्ति से छुटकारा दिलाए हैं इसलिए लगातार 12 वर्षों से सूरज भगवान को अर्ध दे छठ पर्व कर रहे हैं। उक्त बातें करती हुई बेगूसराय जिले के छौड़ाही प्रखंड के सिहमा वार्ड नंबर चार निवासी महिला जमीला खातून भावुक हो उठी और छठी मैइया के महिमा का बखान करने लगी।

छठी मैय्या ने हमारी झोली भर दी जमीला खातून बताती हैं कि आज से 13 वर्ष पूर्व परिवार के सभी सदस्य बीमार रहा करते थे। मजदूरी भी ठीक से नहीं मिल पाता था। बेटे बेटियों के पालन पोषण, विवाह की चिंता अलग थी। गांव में लोगों को अपनी मन्नत के साथ छठ पर्व करते एवं मन्नत पूरा होने के बाद भी छठ पर्व करते देख इस संबंध में उत्सुकता जगी। आस्था हुई कि सबके मालिक एक हैं तो, छठी मैया और साक्षात सुर्यदेव हमारी बिमारी, गरीबी और बेबसी का भी ख्याल रखेंगे।

मन में कबूलता किया कि हम भी छठ वर्त करेंगे तो वह जरूर सुनेंगे, दाता दीनानाथ हम गरीब पर अपनी कृपा किजिए हम भी छठ पूजा करेंगे।जमीला बतातीं हैं कि आस पड़ोस के लोगों से सलाह मशविरा किया। मेरे मजहब के साथ गांव के सभी लोगों ने छठ पर्व करने के लिए प्रेरित किया। 13 साल पहले पहली बार छठ पूरे नियम निष्ठा के साथ किया था। जिसमें हमारे मोहल्ले के हिंदू परिवार के लोगों ने काफी मदद की। नियम कानून निष्ठा के संबंध में बताया था और घर आ पूजा करने में मदद की।

पहली बार छठ पूजा संपन्न होने के एक साल के अंदर हमारा परिवार बीमारियों से छुटकारा पा गया।मजदूरी भी मिलने लगी है। उसके बाद तो लगातार छठ पर्व कर रहे हैं। बोलीं आस्था इतना गहरा है कि जब तक शरीर में जान परान है, छठ पर्व करते रहेंगे। जमीला बताती हैं कि उनके मजहब के लोग भी उनके छठ वर्त को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं और सहयोग भी करते हैं। अब हमारे गांव के कई मुस्लिम परिवार छठ पर्व इस साल से करेंगे। सिहमा पंचायत के मुखिया पवन कुमार साह, कन्हैया कुमार चौधरी, पैक्स अध्यक्ष सनातन राय, डॉक्टर कलाम अंसारी आदि ने छठ पर्व कर रहे मुस्लिम परिवारों से मुलाकात कर हर संभव सहायता प्रदान करने कि बात कही है। इनलोगों का कहना है कि जमीला खातून हमारे इलाके के सामाजिक सौहार्द कि रोड मॉडल हैं।