डेस्क : बेगूसराय जिले के चेरियाबरियारपुर विधानसभा सीट पर पिछले 20 बरसों से एक धुरी पर अनिल चौधरी रहते आए हैं। यहां से राजद लड़े या जदयू। अनिल चौधरी हारें या जीते लड़ाई में बने रहते हैं। लगातार चुनावी मैदान में और क्षेत्र में डटे रहने की वजह से इनका ध्रुव बना रहता है। वर्ष 2000 ई में उन्होंने बतौर जनता दल यू उम्मीदवार के तौर पर भाग्य आजमाया था और पराजित हुए थे।
लेकिन,2005 के फरवरी में हुए चुनाव में उन्होंने बतौर लोजपा प्रत्याशी यह सीट राजद को हराकर जीत ली। इसके बाद नवंबर 2005 में हुए चुनाव में भी बतौर लोजपा प्रत्याशी इन्होंने फिर राजद के उम्मीदवार को हराकर यह सीट जीत ली थी। लेकिन,2010 के विधानसभा चुनाव में इन्हें जदयू के उम्मीदवार से बहुत कम मतों के अंतर से हारना पड़ा ।इसके बाद वर्ष 2015 के चुनाव में भी इन्हें जदयू से पराजय का सामना करना पड़ा।
लोकजनशक्ति पार्टी के राज्य संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष रहे चौधरी लगातार पांच बार चेरियाबरियारपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ें हैं।। क्षेत्र और दलीय सक्रियता लगातार बनाए रखने वाले अनिल चौधरी कार्यकर्ता और संगठन को तरजीह देनेवाले नेता माने जाते हैं। वे राज्य लोजपा के महत्त्वपूर्ण नेता हैं जो रामविलास पासवान और पशुपति पारस तथा सूरजभान और चिराग पासवान के नजदीकी रहें हैं।
इस बार 2020 के चुनाव में स्वंय उम्मीदवार नहीं बन उन्होंने अपने पुत्र वधू राखी देवी को यहां से लोजपा उम्मीदवार बनाया है। लोजपा नेता रामविलास पासवान और सूरजभान के करीबी माने जाने वाले अनिल चौधरी अपने पुत्र वधू को लेकर प्रचार और जनसंपर्क में लगे हैं अपने और लोजपा के जनाधार के साथ मुस्लिम, यादव और अतिपिछड़ा का एक तबका उनके साथ है। उनका टक्कर जनता दल-यू के कुमारी मंजू वर्मा और राजद के राजवंशी महतो से है। त्रिकोणीय लड़ाई में वे अपने उम्मीदवार के लिए कितने सफल हो पाते हैं यह रिजल्ट के बाद ही पता चल सकेगा।