डेस्क : चेरिया बरियायपुर प्रखण्ड क्षेत्र के मेहदा शाहपुर पंचायत के पूर्व मुखिया शारदानन्द सिंह के पिता शिक्षाविद व समाजसेवी विन्देश्वरी प्रसाद सिंह का में निधन हो गया। लगभग 84 की आयु में भी वे शिक्षण कार्य से आजीवन जुड़े रहे । वे शिक्षा ,सेवा और समाजिकता के अनोखे मिश्रण से सामाजिक कुरीतियों को दूर करने को आजीवन प्रयासरत रहे। रविवार को बेगूसराय के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनका देहावसान हो गया। उनके निधन से शोक की लहर दौड़ गई। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामजीवन सिंह, सहित कईयों ने उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार सिमरिया गंगा घाट पर किया गया।
लॉक डाउन के समय उन्होंने दैनिक जागरण अखबार के कॉलम ऐसे दिन बिताया में बताया था कि – अब जीने की कला में सामाजिक दूरी भी शामिल हो जाएगी, ऐसे में हम लॉक डाउन में घर पर रहते हुए पत्रिका पढ़ते हैं घर में बैठते हैं टीवी पर सुबह शाम रामायण देखते हैं, समाचार के लिए रेडियो सुनते हैं अखबार पढ़ते हैं, घर में जो बच्चे हैं पोता पोती के साथ खेलते हैं। बस दिनभर इसी में व्यतीत हो रहा है।
उनके निधन पर लोग श्री सिंह को श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए लोगों ने स्मृति साझा किया है “एक शानदार व्यक्ति जो सब की भलाई के लिए तत्पर रहते थे सब का सम्मान करते थे अचानक इस दुनिया को अलविदा कह गये। शिक्षा के धरोहर जिनका वहाँ के शिक्षा व्यवस्था में काफ़ी योगदान रहा, जिसके लिए वो हमेशा याद किए जाएँगे। इनके प्रत्येक शब्द शैक्षणिक प्रेरणा स्रोत से ओतप्रोत होते थे। हे भगवान। जिले केसम्मानित आदरणीय शिक्षकों में सदा इनको याद किया जाएगा। गुरुदेव ने हमें अच्छे मार्ग पर चलना सिखाए। शिक्षा जगत का एक अभिभावक खोया हूं, जिसका भारपाई संभव नहीं हैं। न्यूरो सर्जन संजय सिंह सहित कई वरिष्ठ लोगों में शोक प्रकट किया है। बीजेपी नेता सीताराम सिंह ने शोक प्रकट व नमन करते हुए बताया कि विन्देश्वरी बाबू का ननिहाल मेरे ही गाँव मीनापुर था। उन्होंने कहा कि उनके हम उम्र बताते हैं कि उनकी शिक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विशेष अभिरुचि रहती थी, नाटक में भी अच्छे किरदार का रोल निभाते थे।