चेरिया बरियारपुर प्रखण्ड में पुराने आरक्षण रोस्टर से होगा मुखिया का चुनाव, राजनीतिक बहसबाजी और खेमा बनना – बिगड़ना शुरू

न्यूज डेस्क : पांच साल के बाद एक बार फिर से बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई है । आगामी 24 अगस्त को अधिसूचना जारी होने के साथ ही छह अलग-अलग पदों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत यू तो सभी पदों का अपना अपना महत्व है। परंतु , मुखिया का पद ऐसा पद होता है जो पंचायत की सरकार गठन में सबसे ज्यादा हॉट सीट माना जाता है। आगामी चुनाव में जिले के चेरिया बरियापुर प्रखंड में सभी 14 पंचायतों में छः महिला मुखिया व 8 पुरुष मुखिया उम्मीदवार अपनी अपनी किस्मत आजमाएंगे । पिछले पंचवर्षीय साल 2016 – 21 के चुनाव में भी इतने ही पंचायत थे। पुराने आरक्षण रोस्टर के हिसाब से इस बार भी चुनाव होने के उम्मीद हैं।

चेरिया बरियारपुर प्रखंड में तीन पंचायत अनुसूचित जाति के मुखिया उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। जिसमें बसही , सकरबसा और श्रीपुर ( महिला ) पंचायत शामिल है। पिछड़ा वर्ग के दो मुखिया जिसमें कुंभी और मंझौल तीन ( महिला ) पंचायत है। नौ पंचायतों का मुखिया पद अनारक्षित है। जिसमें गोपालपुर , विक्रमपुर , चेरिया बरियारपुर , मंझौल 2 , मंझौल 4 पंचायत के मुखिया पदों पर कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकते हैं। जबकि खंजहाँपुर , शाहपुर , पबरा और मंझौल एक पंचायत में मुखिया के पद पर पंचायत की कोई भी महिला उम्मीदवार अपना किस्मत आजमा सकेंगी । पंचायत चुनाव आने के साथ ही अब गांव गांव में सिटिंग और संभावित उम्मीदवार जनसम्पर्क में जुट गए हैं। चाय – पान आदि दुकान पर सुबह शाम होने वाली चर्चाओं के बीच राजनीतिक बहस बाजी और खेमा बनता बिगड़ता भी दिख रहा है। आने वाले समय गाँव का पारा और भी ऊपर चढ़ने के आसार व्याप्त हो रहे है।