डेस्क : जैसा की हम सब जान रहे हैं की नौरात्रि का समय चल रहा है। ऐसे, में हिन्दू रीती रिवाज़ों के लिहाज से यह दिन काफी शुभ माने जाते हैं। माता की आरती की जाती है और मंत्र जाप होता है। नौरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी का होता है। शास्त्रों के मुताबिक उन्होंने कात्यायन ऋषि के घर जन्म लिया जिस कारण उनका नाम कात्यायनी रखा गया। जो लोग शिक्षा प्राप्ति की ओर अग्रसर होते हैं उन्हें सच्चे मन से माता रानी की पूजा करनी चाहिए। माँ को अमोघ फलदायिनी माना गया है। जो माँ की विधिवत पूजा करता है उसकी शादी में आने वाली अड़चन माँ हर लेती हैं।
मां कात्यायनी की उपासना से सारे रोग, शोक, संताप और भय ख़त्म हो जाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि मां कात्यायनी ने ही अत्याचारी राक्षस महिषासुर का वध करके तीनों लोकों को मुक्त कराया था। मां कात्यायनी के लिए आप लाल रंग अपने पास रख सकते है। मान्यता है कि शहद का भोग अगर उन्हें मिल जाए तो वह बेहद प्रसन्न होती हैं। नवरात्रि के छठे दिन पूजा करते समय भी मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना शुभ माना जाता है। माँ का मंत्र इस प्रकार है।
चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना
कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि