Belpatra Niyam : बिना नियम जाने नहीं तोड़िए बेलपत्र, वरना हो जाएंगे कंगाल!

Belpatra Niyam : हिंदू धर्म के अनुसार सप्ताह का हर दिन किसी ना किसी देवता को समर्पित होता है। इसी प्रकार हर सप्ताह में सोमवार का दिन भी आता है जो भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दिन भोलेनाथ की पूजा की जाती है।

मान्यता के अनुसार सोमवार को शिव जी की पूजा करते समय कुछ विशेष चीजों का ध्यान रखा जाता है। इस दिन उनकी प्रिय चीजों में से एक बेलपत्र भी उन्हीं चढ़ाया जाता है। लेकिन हमें बेलपत्र तोड़ते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। इस आर्टिकल में हम आपको बेलपत्र तोड़ने के कुछ खास नियम बताने जा रहे है……….

बेलपत्र का महत्व

शिव पुराण में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाता है तो उसे एक करोड़ कन्यादान जितना भी मिलता है। सोमवार के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से गरीबी दूर होती है और इंसान उन्नति के मार्ग पर चलता है।

इन दिन नहीं तोड़े बेलपत्र

• चतुर्थी अष्टमी नवमी चतुर्दशी और अमावस्या तिथि को बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए।
• इसके अलावा तिथियों के सक्रांति काल और सोमवार को भी बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए।
• बेलपत्र तोड़ते समय भगवान शिव के नाम का जाप करते रहने चाहिए।
• कभी भी इसकी टहनी ना तोड़कर इसके 3 पत्तियों वाले डंथल को ही तोड़कर शिव जी को अर्पित करना चाहिए।

बेलपत्र नहीं होता बासी

धार्मिक शास्त्र के अनुसार बेलपत्र कभी बासी नहीं होता है और अगर आपको बेलपत्र नहीं मिलता है तो आप किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा चढ़ाया गया बेलपत्र को धोकर कई बार पूजा कर सकते है।

बेलपत्र चढ़ाने के नियम

• भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाया जाता है तो हमेशा उसे चिकनी सतह की तरफ से भगवान को स्पर्श करवाना चाहिए और उल्टा करके ही चढ़ाना चाहिए।
• भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाते समय जल की धारा भी अर्पित करते रहना चाहिए।
• बेलपत्र कभी भी कटे-फटे नहीं होनी चाहिए।
• बेलपत्र चढ़ाते समय हमेशा अंगूठे, मध्यमा और अनामिका अंगुली का प्रयोग करना चाहिए।