इस महाशिवरात्रि पर 117 साल बाद बन रहा अद्भुत संयोग, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

आज शुक्रवार यानी 21 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाया जा रहा है, हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है, इस दिन भगवान भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनका व्रत और पूजन करते हैं। आपको बता दें कि 21 फरवरी को महाशिवरात्रि है इसमें सबसे खास बात यह है कि इस बार महाशिवरात्रि पर लगभग 117 साल बाद एक अद्भुत संयोग बन रहा है, शनि स्वयं की राशि मकर में हैं, और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में होंगे, जो कि एक बहुत ही दुर्लभ योग है।

ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से उनके भक्तों के जितने पाप और संकट है सब दूर हो जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में साधना के लिए तीन रात्रि विशेष मानी जाती है, इसमें शरद पूर्णिमा को मोहरात्रि, दीपावली की कालरात्रि तथा महाशिवरात्रि को सिद्धरात्रि कहा जाता है। इस बार महाशिवरात्रि पर स्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है, इस योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को श्रेष्ठ माना गया है, महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।

शास्त्र के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था इसलिए इस दिन उनके विवाह का उत्सव भी मनाया जाता है, इस दिन भगवान भोलेनाथ को उनका प्रिय बेलपत्र, धतूरा, दूध, दही, शक्कर से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है, और भगवान शिव का अभिषेक करने से हर इच्छा पूरी हो जाती है। भगवान शिव भोले भंडारी हैं जो भी सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है भगवान उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं। तो इस बार महाशिवरात्रि पर बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहा है, हर किसी को भगवान भोलेनाथ का जाप करना चाहिए।

भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का शुभ मुहूर्त हम आपको बता रहे हैं.. 21 फरवरी 2020 को शाम को 5 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 22 फरवरी दिन शनिवार को शाम 7:00 बजकर 9 मिनट तक रहेगी, जो भी श्रद्धालु मासिक शिवरात्रि का व्रत करना चाहते हैं वह इस महाशिवरात्रि से शुरू कर सकते हैं, इस बार का महाशिवरात्रि बहुत ही खास रहने वाला है क्योंकि 117 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है, सच्चे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर मनोवांछित फल प्राप्त करने का यह समय अत्यंत शुभ है।