Shivling Jalabhishek Niyam : भगवान शिव अपने भक्तों पर सदैव सहाय रहते हैं। जो भी भगवान शिव को सच्ची श्रद्धा से पुकारता है भगवान उन भक्तों की पुकार अवश्य ही सुनते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए एक लोटा जल ही काफी है।
ऐसा कहा जाता है कि पूजा करते समय भगवान शिव पर जल चढ़ाने से वे काफी प्रसन्न होते हैं। मगर भगवान शिव को जल अर्पित करते समय एक बात का आपको खास ध्यान रखना होगा। जी हां, शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय दिशा का ध्यान अवश्य रखें। तभी पूजा का मनचाहा फल आपको प्राप्त होगा।
इस दिशा में खड़े होकर चढ़ाए जल
भगवान शिव के जलाभिषेक के समय दिशा का खास ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार हमेशा दक्षिण दिशा में खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा में शिव जी का पीठ और कंधा होता है। यही वजह है कि इस दिशा में जल चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है।
दिशाओं का रखें विशेष ध्यान
दक्षिण दिशा की ओर खड़े होकर जल ऐसे चढ़ाएं कि वह उत्तर दिशा की ओर शिवलिंग पर गिरे। शिवलिंग पर इस तरह से जल अर्पित करने से भगवान शिव आप पर प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव को जल अर्पित करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि जल की धारा तेज ना हो। शिवलिंग पर धीरे-धीरे जल चढ़ाएं।
इन बातों का भी रखें विशेष ध्यान
हम आपको इस बात की जानकारी दे दें कि शिवलिंग पर चढ़ाएं जल को कभी भी लांघना नहीं चाहिए। यही वजह है कि शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद पूरी परिक्रमा ना करें। भगवान शिव पर जल अर्पित करने के लिए स्टील की जगह तांबे या पीतल के बर्तन का इस्तेमाल करें।
तांबे के लोटे से ना चढ़ाएं दूध
आप इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल ना करें। इतना ही नहीं पूजा के बाद अगरबत्ती और धूप को शिवलिंग के ऊपर भूलकर भी नहीं रखना चाहिए। हमेशा अगरबत्ती को शिवलिंग के नीचे रखें।