डेस्क: हिंदू धर्म में ग्रह नक्षत्रों का विशेष महत्व है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में कोई समस्या आती है तो राशियों के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में बतलाए गए तरीकों को सलाह दी जाती है। जिसके आधार पर उसके जीवन की समस्याओं का समाधान किया जा सके।
हस्तरेखा के अनुसार व्यक्ति के हाथों से भी जीवन से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता किया जा सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की हथेली की सूर्य और भाग्य रेखा का खास महत्व होता है। सूर्य रेखा से तरक्की और भाग्य रेखा व्यक्ति की किस्मत के बारे में बताती है। यदि दोनों ही रेखाएं शुभ स्थिति में हो तो इंसान को भाग्य का भरपूर साथ मिलता है। आज हम जानेंगे इससे बनने वाले योग के बारे में जो आपकी अच्छी किस्मत के बारे में बताते हैं।
यदि किसी व्यक्ति की सूर्य रेखा और भाग्य रेखा दोनों शुभ हैं और यह दोनों एक दुसरे समानांतर हो, तो व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है। साथ ही मस्तिष्क रेखा सीधी और स्पष्ट होती है तो भाग्योदय में चार चांद लग जाते हैं। इन्हें जीवन में सभी सुख सुविधाएं प्राप्त होती है। हस्तशास्त्र की मानें तो ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान होने के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल करते हैं।
हस्तशास्त्र के अनुसार यदि सूर्य रेखा हृदय रेखा के पास से शुरू होती है तो इंसान जीवन अपनी आधी उम्र के बाद तरक्की करता है। पचास से साठ वर्ष की उम्र में ये लोग कोई विशेष कार्य करते हैं। हालांकि, इसके लिए सूर्य रेखा भी स्पष्ट और अच्छा होना चाहिए।
हस्तशास्त्र के मुताबिक सूर्य रेखा मणिबंध इसके पास से शुरू होते हुए भाग्य रेखा के समानांतर होकर शनि पर्वत तक पहुंच जाता है तो यह योग बेहद शुभ माना जाता है। यह लोग जिस काम को करते हैं, वहां उन्हें सफलता की प्राप्ति होती है। वहीं सूर्य रेखा यदि हृदय रेखा के ऊपर ना हो और हो भी तो छोटे-छोटे टुकड़ों में बैठे हो तो ऐसे लोगों का जीवन खुशहाल नहीं होता। यह लोग संघर्ष में ही अपना जीवन बिताते हैं।