डेस्क : सफलता किसे पसंद नहीं होती, हर कोई पाना चाहता है और सफलता पाने की कोशिश भी करता है। लेकिन कुछ ही लोग होते है जो कामयाब हो पाते है और उन्हीं लोगो में से एक है अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) जो आज एशिया के सबसे अमीर शख्स बन चुके हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी की नेटवर्थ 88.5 अरब डॉलर पहुंच चुकी है। जिन्होंने देश की सबसे बडी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को पछाड़ कर यह उपलब्धि हासिल की है।
आपको बता दें कि Bloomberg Billionaires index में गौतम अडानी दुनिया के अमीरों की श्रेणी में दसवें नंबर पर हैं। पहली बार उन्हें यह उपलब्धि मिली है। वहीं अंबानी इस लिस्ट में 11वें नंबर पर हैं। कमाई में इस वर्ष गौतम अडानी सब पर भारी पड़े हैं। उनकी नेटवर्थ में इस साल 12 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। वहीं अंबानी की नेटवर्थ में 2.07 अरब डॉलर की गिरावट आ गई है। वैसे पहले ही गौतम अडानी फोर्ब्स की लिस्ट में अंबानी से आगे निकल चुके थे।
24 जून 1962 को गौतम अडानी का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। उनका परिवार अहमदाबाद के पोल एक चॉल में रहता था। गौतम अडानी का कारोबारी सफर तब शुरू हुआ था, जब उन्होंने गुजरात यूनिवर्सिटी से बिना बीकॉम की पढाई पूरी किए ही मुंबई आ गए थे। यहां उन्होंने अपना पहला काम डायमंड सॉर्टर के रूप में शुरु किया और कुछ ही वर्षो में मुंबई के झवेरी बाजार में अपनी खुद की डायमंड ब्रोकरेज फर्म शुरू किया था।
मुंबई में कुछ वर्ष बिताने के बाद उन्होंने अपने भाई की प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने वापस अहमदाबाद आ गए। फिर यहां से गौतम अडानी ने पीवीसी यानी पॉलिविनाइल क्लोराइड का इंपोर्ट शुरू करने का फैसला किया और ग्लोबल ट्रेडिंग में एंट्री की। आपको बता दें कि प्लास्टिक बनाने में पीवीसी का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है।
अब पीवीसी इंपोर्ट में काफ़ी तेजी से इजाफा होता रहा और अडानी ग्रुप पावर और एग्री कमोडिटी साल 1988 में आधिकारिक तौर पर स्थापित हो गया। अडानी का कारोबार 1991 में भारत में हुए आर्थिक सुधारों की बदौलत जल्द ही डायवर्सिफाई हुआ और अडानी एक मल्टीनेशनल बिजनेसमैन बन गए। साल 1995 अडानी के लिए बेहद सफल साबित हुआ। इसी साल अडानी कंपनी को मुंद्रा पोर्ट के संचालन का कॉन्ट्रैक्ट मिला। बताते चलें कि 2022 में अपने जन्मदिन और पिता की 100वीं पुण्यतिथि पर अडानी ने अपनी संपत्ति में से 7.7 अरब डॉलर यानी कि लगभग 60 हजार करोड़ रुपये सामाजिक कार्यों के लिए दान करने का संकल्प लिया हैं।