डेस्क : कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग हर तरह का प्रयास कर रहे हैं.हर तरफ इम्यूनिटी बढ़ाने की बात की जा रही है और इसी चक्कर में लोग इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन अत्याधिक कर रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में इसके सेवन का जिक्र किया था यूनिटी बढ़ाने का उपाय आयुष मंत्रालय ने भी साझा किए थे। कोरोना से बचने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने वाले काढ़े का चलन जोरों शोरों से बढ़ गया है लेकिन इस काढ़े का अत्याधिक सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि काढ़ा आप दुरुस्त होने के लिए ले रहे हैं तो कहीं आपको यह नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा है?
क्या है इम्यूनिटी बूस्टर अगर आपको अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करना है तो इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है पोस्टिक आहार लेना. अब ऐसे में सबके मन में यह सवाल उठेगा कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या खाएं? तो आजकल इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए सबसे उपयोगी जो चीज मानी जा रही है वह है आयुर्वेदिक काढ़ा. इसे बहुत सारे प्राकृतिक पोषक तत्वों से किया तैयार किया जाता है जो कि आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। इसमें बहुत सारी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल भी किया जाता है लेकिन अगर किसी भी चीज का अत्याधिक सेवन किया जाए तो फायदा के बदले नुकसान पहुंचाने लगता है। ठीक उसी प्रकार इस काढ़े के साथ भी हो रहा है अत्याधिक सेवन लोगों को अब नुकसान भी पहुंचा रहा है।
इम्यूनिटी बूस्टर आयुर्वेदिक काढ़े के नुकसान पहुंचाने वाली 10 लक्षण
- पेट में जलन
- नाक से खून आना
- चक्कर आना
- कब्ज या दस्त जैसी समस्या
- आंखों के आगे अंधेरा होना
- मुंह में छाले हो जाना
- चेहरे पर छोटे छोटे दाने उभर आना
- गैस या अपच की शिकायत होना
- अचानक से वजन में ज्यादा कमी होना
- पेशाब में जलन होना
क्यों है हानिकारक इम्यूनिटी बूस्टर को अलग-अलग जड़ी बूटियों के मेल के बाद तैयार किया जाता है। कोरोना से बचने के लिए यह आयुर्वेदिक काढ़ा खूब चलन में है. इस काढ़े में काली मिर्च, अश्वगंधा, पिपली, दालचीनी, हल्दी, सोंठ, गिलोय जैसे औषधियों को डालकर तैयार किया जाता है इसमें जितने भी औषधि है सब गर्म है और बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करने से यह नकसीर जैसी समस्या भी पैदा कर सकते हैं। कई मामलों में तो बुखार जैसी समस्या भी देखने को मिली है इसीलिए आपके लिए यह जरूरी होगा कि आप काढ़े का सेवन जरूरत के हिसाब से ही लें।
काढ़ा बनाते समय इस एक बात का ध्यान जरूर रखें काढ़ा बनाते समय, इसे बनाने के लिए उपयोग की जा रही जड़ी-बूटियों और मसालों की मात्रा के बारे में वास्तव में सावधान रहना होगा। अगर आपको लगता है कि आप जो काढ़ा पी रहे हैं वह आपको सूट नहीं कर रहा है, तो आप इसमें दालचीनी, काली मिर्च, अश्वगंधा और सोंठ की मात्रा कम कर सकते हैं।