डेस्क : आज के समय में भी लोग अंधविश्वास में आकर क्या से क्या कर बैठते हैं। इसी कड़ी में दीवाली आते ही बिहार पुलिस सचेत हो गयी है। दरअसल दीवाली में अंधविश्वास की वजह से कुछ लोग टोना-टोटका के रूप में उल्लू की बलि देते हैं। इसके चलते भारी संख्या में उलू मार दिए जाते हैं। जब की उल्लू विलुप्ति के गागर पर है। इस बार इसको लेकर सरकार बेहत सख्त नजर आ रही है। उल्लू का शिकार करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और आरोपी को जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी। दिवाली के दिन सामने आने के साथ ही सरकार उल्लू की रक्षा के लिए गंभीर है।
मालूम हो कि उल्लू भारतीय वन्यजीव अधिनियम 1972 की अनुसूची के मुताबिक संरक्षित है। उल्लू विलुप्तप्राय प्रजातियों की श्रेणी में आता है। इसके शिकार और तस्करी पर रोक है। मीडिया के मुताबिक इस संबंध में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से सभी जिलों के डीएम-एसपी को अलर्ट कर दिया गया है। बतातें चले कि दीपावली के दिन तांत्रिक उल्लूओं की बलि चढ़ाते दिखते हैं। तांत्रिक इस प्रकार बलि प्रदान कर तंत्रणात्मक शक्ति को जगाते हैं। मालूम हो कि दिवाली के वक़्त उल्लुओं की कीमत हजारों में हो जाती है। उल्लू की खरीदारी करने वालों की भी कमी नहीं रहती है। गौरतलब है कि उल्लू से जुड़े तरह-तरह की अपवाहें फैली हुई है। जिसके चलते इन दिनों अधिक मात्रा में इसका शिकार किया जाने लगा है और प्रशासन से छुपाकर बेचा जाता है।