डेस्क : इंसान अपनी जिंदगी में कभी ना कभी तो अस्पताल जाता ही है, ऐसे में जब वह अस्पताल जाता है तो उसका अस्पताल का अनुभव काफी अलग होता है क्योंकि वहां पर मौजूद डॉक्टर जब मरीजों से मिलते हैं तो वह अलग तरह के पोशाक में होते हैं। वही जब वह किसी मरीज का ऑपरेशन करने के लिए जाते हैं, तो वह हरा या नीले रंग का वस्त्र धारण करते हैं। आखिर ऐसा डॉक्टर और नर्स ऐसा क्यों करते हैं इसी के बारे में आज हम चर्चा करने वाले हैं।
जब डॉक्टर लोग ऑपरेशन थिएटर में मरीजों की सर्जरी करते हैं तो वह मरीजों के खून को काफी बारीकी से देखते हैं और लंबे समय तक लाल रंग को देखने से उनकी आंखों में थकान आ जाती है, जिसके चलते वह लंबा ऑपरेशन करने में असमर्थ हो जाते हैं। ऐसे में वैज्ञानिक दृष्टि रखने वाले लोगों का यह सुझाव रहता है कि डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में आंखों पर कम जोर पड़ने वाले रंगों के वस्त्र पहने। ऐसा करने से वह लंबे समय तक खून को देख पाएंगे और मरीज का ऑपरेशन बेहतर ढंग से कर पाएंगे। खून पतली नसों से होते हुए कहां तक जा रहा है यह देखना काफी ज्यादा अहम होता है और किसी भी ऑपरेशन का जटिल काम यही होता है, जिसके चलते अगर आंखें थक जाती हैं तो वह खून की पतली लाल नसों को नहीं देख पातीं।
लोगों के मन में भी यह सवाल आता है कि आखिर क्यों डॉक्टर सफेद रंग के कपड़े ऑपरेशन करते वक्त नहीं इस्तेमाल करते ? ऐसा इसलिए है क्योंकि 1914 में जाने-माने सीनियर डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान हरे रंग के कपड़े पहने थे। इसके बाद से हरे रंग के कपड़े चलन में आ गए और लोगों ने हरे रंग का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इसके पीछे वजह यह है कि ज्यादा देर तक लाल रंग देखने के बाद जब इंसान की नजरें सफेद रंग पर पड़ती है तो आंखों को चुभने लगती है, जिसके चलते आंखें जल्दी थक जातीं हैं। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर का ध्यान भंग ना हो इसलिए ज्यादातर लोग हरे और नीले रंग के वस्त्र पहनते हैं।