आखिर, लोगों को बबल रैप को पॉप करने में क्यों सुकून मिलता है? जाने- इसके पीछे का साइंस….

न्यूज डेस्क: इंसानों की कुछ ऐसी आदतें हैं, जिन्हें आप चाहे भी तो भी नहीं बदल पाते, शायद बचपन का वो दिन तो जरूर याद होगा, जब बबल रैपर को फोड़ने में कितना आनंद आता था। लेकिन कभी आपने इस बात को ध्यान दिया। आखिर इसे फोड़ने में इतना आनंद क्यों मिलता है। इस विषय में विज्ञान कहता है कि तीन इसके बहुत दिलचस्प कारण है। आए जानते है इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह..

अध्ययनों से पता चलता है कि अपने हाथ में जब कोई स्पंजी टाइप की छोटी चीज़ आती है तो अचानक हमारे हाथ उसको दबाने के लिए अपने आप रेडी हो जाते है। और सबसे ज्यादा तब जब हम किसी तनावपूर्ण माहौल में काम करते हैं, तब हमारी किसी छोटी चीज़ को दबाने की इच्छा और भी बढ़ जाती है। अब तनाव को कम करने के लिए मनोवैज्ञानिक की माने तो वो सबसे पहले यही कहते है की जब भी मन में कोई तनाव हो तो अपना ध्यान किसी और चीज पर लगाए और हम भी बिल्कुल ऐसा ही करते है।

वही बबल रैप पॉपिंग आपके दिमाग को अतिरिक्त विचारों से विचलित करने में भी मदद करता है, लेकिन साथ ही उस पर ध्यान केंद्रित करता है जो आप वर्तमान में कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक लेख या एक शोध पढ़ रहे हैं और एक ही समय में पॉपिंग कर रहे हैं, तो आपके इस काम में गहराई से तल्लीन होने की संभावना सबसे अधिक है।

मनोवैज्ञानिक रॉबर्ट ई. थायर बताते हैं कि जब लोग तनावग्रस्त होते हैं, तो वे अपनी कार्य योजना को समझने में कुछ समय लेते हैंतो इस क्रिया के दौरान, वे आमतौर पर अनजाने में उंगली से टैप करते हैं, अपने पैरों से फ़िडगेट करते हैं या बबल रैप पॉप करते हैं। यही कारण है कि बबल रैप पॉपिंग के बाद लोग शांती महसूस करते हैं।

वैज्ञानिकों ने इसे पुश्तैनी लत भी करार दिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मनुष्य के रूप में जब हम किसी चीज़ पर अधिकार प्राप्त करते हैं तो हम संतुष्टि या संतोष के अभ्यस्त हो जाते हैं। हमारे वानर पूर्वज कीड़ों को कुचलते थे (जो हम अभी भी करते हैं) और हम बबल रैप को पॉप करके उसी का पालन करते हैं