पीढ़ियों से चले आ रहे वकालत के पेशे को आगे बढ़ाते हुए यु यु ललित बने देश के 49 वे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया

भारत के 48 में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस के रमन्ना की रिटायरमेंट के बाद भारत के उन 49 में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के तौर पर जस्टिस उदय उमेश ललित ने शपथ ग्रहण कर ली। जस्टिस यू यू ललित 2 महीने 2 हफ्ते अर्थात 75 दिनों के लिए सुप्रीम कोर्ट की अगुवाई करेंगे।

जस्टिस यू ललित को आज ही राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण करवाया। शपथ ग्रहण के समय जस्टिस यू ललित के परिवार की तीन पीढ़ियां राष्ट्रपति भवन में मौजूद थी क्योंकि इन्हें कानून विरासत में मिला हुआ है। जस्टिस यू यू ललित के दादा रंगनाथ ललित भारत की आजादी के बहुत पहले से ही सोलापुर में वकील थे। आज उसी परिवार की परंपरा को बढ़ाते हुए न्यायपालिका को एक सुघड़ नेतृत्व देने के तथा सुधार की नई व्यवस्था की अगुवाई करने का जिम्मा जस्टिस यू यू ललित ने लिया है।

देश के टॉप क्रिमिनल लॉयर रह चुके हैं यु यु ललित जस्टिस यू यू ललित ने दिल्ली में अपनी अलग शैली से वकालत के क्षेत्र में शुरुआत की और जल्द ही अपने नायाब तर्को, दलीलों की अभिव्यक्ति तथा मृदुभाषी स्वभाव से टॉप की क्रिमिनल लॉयर बन गए। कानून की स्पष्ट समझ और सुलझा हुआ व्यक्तित्व ही जस्टिस यू यू ललित को एक अलग पहचान देकर न्यायपालिका की भीड़ से अलग करता है।

अपने शपथ ग्रहण के दौरान जस्टिस यु यु ललित ने कहा कि “मेरा यह खास प्रयास रहेगा मामलों के सूचीबद्ध करने में पारदर्शिता हो। ऐसी व्यवस्था बना सकु जिसमें जरूरी मामले संबंधित पीठों के सामने स्वतंत्रता पूर्वक उठाए जा सकें। इसके अलावा कम से कम एक संविधान पीठ बना सकु जो एक साल में सुचारू रूप से काम करें।”

वर्ष 1983 से वकील के तौर पर शुरुआत करके बार से प्रोमोट होकर सुप्रीम कोर्ट जाने वाले दूसरे व्यक्ति हैं जस्टिस ललित जस्टिस यू यू ललित के जीवन की बात की जाए तो 1983 में उन्होंने अपनी वकालत की। शुरुआत बॉम्बे हाई कोर्ट से की थी ।यहाँ 1985 तक वकालत की।

1986 से 1993 तक के पूर्व अटार्नी जनरल सोली सोराबजी के साथ रहे। वर्ष 2004 में इन्हें सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट के तौर पर नामित किया। इसके बाद 13 अगस्त 2014 को बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और मई 2021 में नालसा अर्थात राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में इनकी नियुक्ति हुई और अब भारत के उन 49 चीफ जस्टिस के तौर पर शुरुआत की।

हालांकि न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल काफी कम दिनों के लिए ही है। 8 नवंबर को यह सेवानिवृत्त हो जाएंगे। न्यायमूर्ति ललित दूसरे ऐसे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया हैं जिन्हें बार से सीधे प्रमोट होकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचने का मौका मिला है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाले पहले व्यक्ति एस एम सीकर थे जो 1971 में देश के 13वे चीफ जस्टिस बने थे।