डेस्क : केंद्र की मोदी सरकार को विपक्ष के साथ-साथ साथियों से भी झटका लगा। कृषि से संबंधित अध्यादेश पर संसद में विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। विधेयक को जब लोकसभा में पेश किया गया तो अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने विरोध करते हुए कहा कि हरसिमरत कौर बादल मंत्री पद से इस्तीफा देंगी। हरसिमरत केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री है। अकाली दल भाजपा एनडीए का हिस्सा है।भाजपा की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल अध्यादेश के समय से ही इसका विरोध कर रही है।
हालांकि, लोकसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य, संवर्द्धन और सुविधा विधेयक-2020; कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण, कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 साढ़े पांच घंटे की चर्चा के बाद पारित हो गया। इस दौरान विपक्ष ने वॉकआउट किया। वहीं, इससे संबंधित आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल पास हो चुका है। आखिर क्यों सभी इस बिल का विरोध कर रहे है :-
- किसानों को एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य मंडियों के खत्म होने से नहीं मिलेगा।
- वन नेशन वन एमएसपी होना चाहिए।
- कीमतें तय करने का कोई मैकेनिज्म नहीं है।
- इससे निजी कंपनियों को किसानों के शोषण का जरिया मिल जाएगा।
- किसान मजदूर बन जाएगा।
- कारोबारी जमाखोरी करेंगे।
- इससे कीमतों में अस्थिरता आएगी।
- खाद्य सुरक्षा खत्म हो जाएगी।
- इससे आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बढ़ सकती है।
- मेहनत बर्बाद कर देगा
- निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा
- बिल क्रांतिकारी
सरकार के द्वारा लाये गए इस विधेयक में आखिर ऐसा क्या है
- मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता
- किसानों की आय बढ़ेगी
- बिचौलिए खत्म होंगे
- आपूर्ति चेन तैयार होगा।
- कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक
- उपज कहीं भी बेच सकेंगे
- बेहतर दाम मिलेंगे
- ऑनलाइन बिक्री होगी।
- आवश्यक वस्तु (संशोधन) : अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू-प्याज अनिवार्य वस्तु नहीं रहेगी
- भंडारण होगा
- कृषि में विदेशी निवेश आकर्षित होगा।