ट्रेन में दरवाजे के पास लगी खिड़की बाकी खिड़कियों से अलग क्यों होती है ? जानिए वजह

डेस्क: भारतीय रेलवे में देश का हर नागरिक सफर करता है, क्योंकि कम किराया में अच्छी सुविधा के साथ और कम समय में भी अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचा देता है, यही वजह है कि भारतीय लोगों का सफर करने का सबसे लोकप्रिय साधन भारतीय रेलवे है, मालूम हो कि इंडियन रेलवे एशिया का दूसरा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है, कोविड के पहले करोड़ों यात्री रोजाना सफर करते थे, लेकिन धीरे-धीरे रफ्तार पर ब्रेक लग गई, लेकिन फिर से स्थिति समान होती जा रही है।

भारतीय रेलवे में ऐसे बहुत सारे नियम है जो बहुत कम लोग जानते हैं, तो आज आप लोगों को भारतीय रेलवे से जुड़े एक अहम सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे, ट्रेन यात्रा के दौरान आप लोगों ने ट्रेन की बोगियों में दरवाजे के पास वाली खिड़की को जरूर देखा होगा, क्या आपने कभी नोटिस किया, यह खिड़कियां बाकी सभी खिड़कियों से अलग क्यों होती है? ट्रैन में AC डिब्बों को छोड़कर सभी SL और जलरल कोच की खिड़कियों में सरिया लगी रहती हैं, लेकिन दरवाजे के पास वाली खिड़की पर सामान्य से ज्यादा सरिया लगी होती हैं, चलिए आज आप लोगों को इसके बारे में बताते हैं,

आपको बता दें कि यह खिड़कियों में ज्यादा सरिया लगाने का रेलवे का सिर्फ एक ही मकसद है, ताकि यात्रियों को सुरक्षा मिल सके, अब आप लोग सोच रहे होगे। आखिर एक ही खिड़की में इतना सरिया देने से सुरक्षा क्या मतलब है? तो आपको बता दें दरवाजे के पास वाली खिड़की में चोरी होने का डर सबसे ज्यादा होता है, चोर अक्सर इन खिड़कियों मे हाथ डालकर सामान ले कर भाग जाते हैं, क्योंकि इन खिड़कियों तक दरवाजे के पायदान से भी पहुंचा जा सकता है।

मालूम हो कि रात में ट्रेन सफर के दौरान जब यात्री सो रहे होते हैं, तब चोर इन खिड़कियों के जरिए आसानी से सामान चुराकर फुर्र हो जाते है, इन्हीं समस्याओं से निजात पाने के लिए रेलवे ने इन खिड़कियों में ज्यादा सरिया का इस्तेमाल किया है, ज्यादा सरिया होने की वजह से गैप इतना कम हो गया कि खिड़की में हाथ घुस कभी नहीं सकता है, इसके साथ ही ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि रात में आउटर में गाड़ी रुकने के दौरान चोर खिड़की से हाथ डालकर दरवाजा कभी नही खोल पाएं।