बिहार की महिलाएं इतना लंबा सिंदूर क्यों लगाती हैं ? जानिए आखिर क्या है नारंगी सिंदूर की असल वजह

हम सभी जानते हैं कि त्योहारों का मौसम आ गया है। हर कोई त्‍यौहार की तैयारियों में लगा हुआ है। त्योहार की रौनक हर जगह है। त्योहार आते ही बाजारों में रौनक आ जाती है, लोग खरीदारी करने लगते हैं। दिवाली, महान हिंदू त्योहार भी आ रहा है। दिवाली 5 दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है। वहीं, छठ पूजा का महापर्व बिहारी आने वाला है।

यह पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है जिसमें पहले दिन नहा-धोकर भोजन किया जाता है, दूसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और तीसरे दिन शाम को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। भगवान सूर्य का रूप इस दिन व्रत रखने वाली सभी सुहागन महिलाएं नाक पर नारंगी रंग का सिंदूर लगाती हैं। नाक पर सिंदूर लगाने की क्या प्रथा है और नारंगी रंग का सिंदूर क्यों लगाया जाता है? आज हम आपको बताएंगे।

नाक में सिंदूर लगाने की प्रथा : जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बिहार और झारखंड में महिलाएं नारंगी सिंदूर लगाती हैं जिसे वे नाक पर लगाती हैं। बिहार में शादी हो या कोई शुभ अवसर, खूबसूरत महिलाएं हमेशा नाक पर सिंदूर लगाती हैं। मान्यता है कि नाक के ऊपरी हिस्से में सिंदूर लगाने से पति की उम्र बढ़ती है। साथ ही कहा जाता है कि नारंगी सिंदूर बहुत शुभ होता है। यही वजह है कि बिहार, झारखंड में महिलाएं नारंगी सिंदूर ही पहनती हैं।

नारंगी सिंदूर ही क्यों लगाया जाता है? वहीं, बिहार और झारखंड के अलावा उत्तराखंड में भी विवाहित महिलाएं लंबा सिंदूर लगाती हैं। कहा जाता है कि नारंगी सिंदूर पति को लंबी उम्र और व्यापार में सफलता दिलाता है। वे हर तरह से सफल होते हैं। उनका वैवाहिक जीवन भी अच्छा चल रहा है। छठ पूजा के दौरान, नाक पर सिंदूर लगाया जाता है और भगवान सूर्य को चढ़ाया जाता है, जो संतान के लिए सुख और धन लाते हैं।

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