डेस्क : 8 दिसंबर 2021 को देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी एवं 13 अन्य अफसर रैंक के अधिकारी हेलीकॉप्टर से उड़ान भरकर आ रहे थे तभी रास्ते में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसके चलते 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और एक पायलट जिसका नाम वरुण सिंह है, वह जिंदा बच गए। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।
साल 2020 में वरुण सिंह को लाइट एयर कॉम्बैट तेजस की इमरजेंसी लैंडिंग करवाने के चलते शौर्य चक्र से नवाजा गया था। इस हवाई की आपातकाल व्यवस्था को समझना मुश्किल होता है ऐसे में वरुण ने अपनी समझ के जरिए कम समय में वह काम कर दिखाया जो शायद ही कोई कर पाए। वरुण सिंह ने तेजस के साथ काफी हिम्मत से काम लिया था। तेजस को संभालना आसान बात नहीं होती जिसके चलते वरुण सिंह को पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 8 दिसंबर को जो घटना घटी उसमें भी वरुण सिंह मौजूद थे। यह जानकारी IAF ने अपने टि्वटर हैंडल के माध्यम से दी।
जिस व्यक्ति ने आईएएफ का हेलीकॉप्टर क्रैश होते हुए देखा उसने बताया कि- एक जोर से आवाज आई और तब मैं बाहर निकला। मैंने देखा कि एक बड़ा सा आग का गोला चीरता हुआ पेड़ से टकरा रहा है। साथ ही साथ हेलीकॉप्टर से जलते हुए 3 लोग बाहर को कूदे। यह सारा मंजर अपने आप में ही काफी भयानक है, बता दें कि हेलीकॉप्टर एक पेड़ से टकराने के बाद दूसरे पेड़ से टकराया था। जब कृष्णास्वामी ने यह सारी घटना देखी तो उनकी रूह कांप गई।
इसके बाद उन्होंने तुरंत आसपास के लोगों को बुलाया और कंबल एवं पानी की मदद से आग को बुझाने की कोशिश की, जितने लोग मिले उनको स्ट्रेचर की मदद से सड़क तक ले जाया गया। मौके पर दमकल विभाग की गाड़ियां भी आ गई थी जिन्होंने आग बुझाने में मदद की। बताते चले की बुधवार को Mi सीरीज का जो हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उसने सुलुर (Sulur) आर्मी बेस से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद यह तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।